विशालकाय डैनों वाला एक नितांत बूढ़ा आदमी

बंदी बनाये गए फ़रिश्ते की ख़बर इतनी तेज़ी से फैली कि कुछ ही घंटों में आँगन में बाज़ार जैसी चहल-पहल हो गयी। भीड़ घर को ही ढहाने पर तुली थी। उसे काबू में करने के लिए संगीनों से लैस सैन्य दस्‍ता बुलाना पड़ा। एल्सिंदा की कमर भीड़ का फेंका कचरा बुहारते-बुहारते अकड़ चुकी थी। तभी उसे आँगन में बाड़ लगाने और फ़रिश्ते की एक झलक के लिए पाँच सेंट वसूलने का ख़याल आया।

Read More