गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाली संस्था ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में 35 फीसदी का इजाफ़ा हुआ है। इस रिपोर्ट में कहा है कि इस दौरान 18 मार्च से 31 दिसंबर 2020 के दौरान दुनिया के 10 शीर्ष अरबपतियों की संपत्ति में 540 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। ऐसा अनुमान है कि इस दौरान कम से कम 20 करोड़ से 50 करोड़ लोग गरीब हो गए हैं। कोरोना वायरस ने दुनिया में मौजूद आय में असमानता को बढ़ा दिया है। इसका शिक्षा, स्वास्थ्य और एक बेहतर जीवन जीने के अधिकारों पर और गहरा असर होगा।
रिपोर्ट में आय की असमानता का जिक्र करते हुए बताया गया कि महामारी के दौरान मुकेश अंबानी को एक घंटे में जितनी आमदनी हुई, उतनी कमाई करने में एक अकुशल मजदूर को दस हजार साल लग जाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी पिछले 100 वर्षों का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट है और इसके चलते 1930 की महामंदी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक संकट पैदा हुआ।
इस महामारी में लॉक डाउन के दौरान मुकेश अंबानी की प्रति घंटे की कमाई 90 करोड़ रही जबकि देश की 24 फीसदी आबादी महज 3000 प्रति माह में अपना जीवन जीने के लिए मजबूर थी। रिपोर्ट में आय की असमता का जिक्र करते हुए बताया गया कि:
महामारी के दौरान मुकेश अंबानी को एक घंटे में जितनी आमदनी हुई, उतनी कमाई करने में एक अकुशल मजदूर को दस हजार साल लग जाएंगे।
ऑक्सफैम की रिपोर्ट ‘इनइक्वालिटी वायरस’ में कहा गया है कि, ‘मार्च 2020 के बाद की अवधि में भारत में 100 अरबपतियों की संपत्ति में 12 लाख करोड़ से ज्यादा यानी 12,97,822 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। इतनी राशि का वितरण यदि देश के 13.8 करोड़ सबसे गरीब लोगों में किया जाए, तो इनमें से प्रत्येक को 94,045 रुपये दिए जा सकते हैं।’
The-Inequality-Virus-India-Supplement-Designedरिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में लॉकडाउन के दौरान 35 फीसदी और 2009 से 90 फीसदी बढ़ोतरी हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में बीते साल दिसंबर तक अरबपतियों की संपत्तियों में 3.9 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। दुनिया के टॉप 10 अरबपतियों की संपत्ति में 540 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ इसी दौरान महामारी के चलते करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए और ना जाने कितने लोग भुखमरी के कगार पर आ गए। रिपोर्ट में अनुमान जाहिर किया गया है कि महामारी के दौरान कम से कम 200 मिलियन से 500 मिलियन लोग गरीब हो गए हैं।