अल्पसंख्यक कांग्रेस ने 104 सेवानिवृत्त प्रमुख अफसरशाहों द्वारा योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर प्रदेश में साम्प्रदायिक माहौल बनाने से बाज़ आने की नसीहत देने को सरकार के लिए शर्मनाक बताया है।
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा कि-
उत्तर प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश की बिगड़ती स्थिति और संविधान विरोधी कामों को लेकर पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार टीकेए नायर जैसे स्तरीय लोगों को किसी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें संविधान की मर्यादाओं को याद दिलाना पड़ा हो। सरकार के लिए यह शर्मनाक स्थिति है।
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शाहनवाज़ आलम ने सेवानिवृत्त अफसरशाहों द्वारा अंतर्धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों के बजरंग दल और पुलिस की मिलीभगत से किये जा रहे उत्पीड़न में शामिल पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग का समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि-
प्रदेश के मौजूदा अफसरशाहों को भी प्रदेश सरकर के संविधान विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ मुखर होना चाहिए क्योंकि वो किसी सरकार की विचारधारा नहीं बल्कि संविधान के प्रति जवाबदेह हैं।