कल गृहमंत्री अमित शाह के साथ किसान संगठनों की हुई बैठक के बाद केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए संशोधन प्रस्ताव को किसान संगठनों ने एक सिरे से खारिज कर दिया है। बुधवार शाम हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान संगठनों ने अगले कुछ दिनों की अपनी रणनीति की घोषणा की, जिसमें सबसे बड़ा ऐलान रिलायंस और अडानी के खिलाफ खुलेआम मोर्चा खोलना है।
किसान नेताओं की घोषणा के कुछ बिंदु निम्न हैं:
- अडानी-अम्बानी के पंट्रोल पम्प, जियो और अन्य उत्पादों का बहिष्कार किया जाएगा।
- दिल्ली की घेराबंदी तेज की जाएगी। 12 दिसंबर तक जयपुर-दिल्ली हाईवे और दिल्ली -आगरा हाइवे बंद कर दिए जाएंगे।
- 12 दिसंबर को सारे टोल फ्री किए जाएंगे।
- भाजपा के विधायकों, सांसदों और मंत्रियों और इनके दफ्तरों का घेराव ओर बहिष्कार किया जाएगा।
- 14 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
किसान संगठनों की कोशिश है कि पूरे देश से लोग दिल्ली को घेरने 14 को पहुंचेंगे। राज्यों में ये प्रदर्शन 12 से शुरू हो जाएंगे और 14 को पूरे देश में आंदोलन होगा। किसान नेताओं का कहना है कि जब तक ये तीनों कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
दिलचस्प है कि सभी समाचार चैनलों ने किसानों की प्रेस कान्फ्रेंस दिखायी है लेकिन रिपब्लिक को छोड़ कर किसी भी चैनल ने अम्बानी और अडानी के खिलाफ किसानों के खोले जा रहे मोर्चे का अलग से जि़क्र नहीं किया।
फिलहाल ट्विटर पर रिलायंस हैशटैग पहले नंबर पर ट्रेंड कर रहा है। किसानों ने कहा है कि देश भर से वे अपने मोबाइल नंबर जियो से दूसरी कंपनियों में पोर्ट करवाएंगे।
सरकार द्वारा किसानों के पास भेजे गए प्रपोज़ल को नीचे पढ़ा जा सकता है:
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