उत्तर प्रदेश में सियासी पारा राहुल गांधी और प्रियंका की गिरफ्तारी से अचानक चढ़ गया है। हाथरस कांड में पीड़ित परिवार से मिलने जाते समय राहुल और प्रियंका को यूपी पुलिस ने दिन में पौने चार बजे के आसपास ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। उन्हें धारा 144 तोड़ने के आरोप में धारा 188 के तहत गिरफ्तार किया गया है और अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है।
इस बीच राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रहे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर भी बर्बर लाठीचार्ज हुआ है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। मिर्जापुर से खबर है कि कांग्रेसियों ने डीएम को घेर लिया है और नोएडा में चक्का जरम की स्थिति है।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस कांड के पीड़ित परिवार से मिलने के लिए दिन में एक बजे के करीब दिल्ली से निकले थे। उनके काफिले को ग्रेटर नोएडा में यूपी पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद बचे हुए डेढ़ सौ किलोमीटर का सफ़र उन्होंने समर्थकों के साथ पैदल करने का फैसला लिया।
पुलिस ने पदयात्रा को भी आगे नहीं बढ़ने दिया और कांग्रेसियों पर न सिर्फ लाठीचार्ज किया, बल्कि राहुल और प्रियंका के साथ बदसलूकी और धक्कामुक्की की।
इस धक्कामुक्की में राहुल गांधी एक बार को जमीन पर गिर गये।
सवा तीन बजे के करीब उनकी गिरफ्तारी की ख़बर मीडिया में चली। प्रियंका गांधी के निजी सहायक संदीप सिंह ने जनपथ को बताया कि तब तक गिरफ्तारी नहीं हुई थी और झड़प के बाद भी मार्च जारी था।
पुलिस राहुल गांधी को धारा 188 के तहत गिरफ्तार करना चाहती थी। राहुल ने पुलिस से आग्रह किया कि वह उन्हें अकेले हाथरस जाने की मंजूरी दे, बाकी कार्यकर्ता नहीं जाएंगे। इससे धारा 144 का उल्ल्ंघन नहीं होगा। इस बारे में मीडिया को भी उन्होंने यही बयान दिया।
पुलिस ने उन्हें अकेले जाने की भी मंजूरी नहीं दी और अंतत: कार्यकर्ताओं पर बलप्रयोग कर के उन्हें गिरफ्तार कर लिया। कार्यकर्ताओं पर बर्बर तरीके से पुलिस ने लाठीचार्ज किया है।
मार्च से पहले प्रियंका गांधी ने हाथरस कांड की पीड़िता के पिता का एक बयान ट्वीट किया था जिसे नीचे देखा जा सकता है।
प्रियंका गांधी ने हाथरस के अलावा बलरामपुर, बागपत, बुलंदशहर और आज़मगढ़ में हुई बलात्कार की घटनाओं पर भी ट्वीट किया था।
राहुल और प्रियंका के गिरफ्तारी के बाद भी ग्रेस के कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ के नेतृत्व में यमुना एक्सप्रेसवे पर ही धरना देकर बैठे हुए थे।