सोनभद्र में 64 परिवारों की बेदखली का मामला पहुंचा NHRC, कांग्रेस ने भी जताया विरोध


सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज विकास खंड के ग्राम पंचायत बहुअरा के 64 परिवारों को नहर प्रखंड की ओर से मिली बेखदखली नोटिस का मामला गरमा गया है। एक तरफ बस्ती को खाली कराने के मामले में जनपथ पर छपी रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए बनारस के मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. लेनिन रघुवंशी ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत भेजी है। दूसरी तरफ वाराणसी (स्नातक खंड) विधान परिषद निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी संजीव सिंह ने योगी सरकार की इस नोटिस का विरोध किया है और राज्य सरकार से पूरी प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है।

मानवाधिकार आयोग को भेजे ईमेल में डॉ. लेनिन इस मामले पर आयोग से उचित कार्रवाई करने की मांग की है। दूसरी तरफ संजीव सिंह ने योगी सरकार से मामले की जांच कराने की मांग की है। 

वाराणसी (स्नातक खण्ड) विधान परिषद निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी संजीव सिंह ने ‘वनांचल एक्सप्रेस’ के संपादक के नाम लिखे पत्र में कहा है कि जिस प्रकार भाजपा एमएलसी केदारनाथ सिंह द्वारा विधायक निधि से बेटे एवं बहु के नाम जमीन, बिजली, पानी, सीसी रोड इत्यादि पर करोड़ों रुपये खर्चा किया गया है, वह भ्रष्टाचार को दर्शाता है।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि मीरजापुर नहर प्रखंड की आड़ में सत्ता का दुरुपयोग कर दशकों से रह रहे “बहुअरा” के ग्रामीणों, दलितों, वंचितों को भूमि  एवं आवास से जबरन खाली कराकर कब्जा करने की नीयत अन्यायपूर्ण  है क्योंकि वहीं इनके पुत्र पुत्र-पुत्रवधु की भी संस्था है। 

जनपथ पर एमएलसी केदार नाथ सिंह के पुत्र अमित कुमार सिंह के नाम ग्राम पंचायत बहुअरा में 2.692 हेक्टेयर (करीब 10.73 बीघा) और इससे सटे ग्राम पंचायत तिनताली में उनकी बहू प्रज्ञा सिंह की कंपनी ‘जीवक मेडिकल ऐंड रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड’ नाम से 0.253 हेक्टेयर (एक बीघा) भूमि होने की सूचना प्रकाशित हुई थी। यह खबर वनांचल एक्स्प्रेस पर भी प्रकाशित हुई थी।

वनांचल एक्स्प्रेस के संपादक शिव दास की लिखी इस खबर में उजागर किया गया था कि ग्राम पंचायत तिनताली में उनकी बहू प्रज्ञा सिंह के नाम वाली भूमि से सटी भूमि पर उनकी विधायक निधि से लाखों रुपये के आरसीसी चकरोड, नाली, विद्युत लाइन आदि की व्यवस्था की गई है। ग्राम पंचायत बहुअरा में उनकी निधि के धन से उनके बेटे अमित कुमार सिंह के नाम वाली भूमि तक तिनताली मोड़ से विद्युत लाइन बिछी है। ट्रांसफॉर्मर भी लगा है। बिना किसी जरूरत के सरकारी हैंडपंप उनके बेटे की जमीन में लगा है।

उस जमीन को सरकारी दस्तावेजों में अकृषिक भूमि करा लिया गया है लेकिन उनकी जमीन में फसल लहलहा रही है।संजीव सिंह ने भाजपा सरकार से मांग की है कि यदि योगी सरकार के अंदर तनिक भी ईमानदारी और न्याय बचा है तो उक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि बहुअरा में दशकों से रहने वाले ग्रामीणओं, दलितों, वंचितों को घरों से बेदखल किए जाने पर सरकार रोक लगाए। 


About जनपथ

जनपथ हिंदी जगत के शुरुआती ब्लॉगों में है जिसे 2006 में शुरू किया गया था। शुरुआत में निजी ब्लॉग के रूप में इसकी शक्ल थी, जिसे बाद में चुनिंदा लेखों, ख़बरों, संस्मरणों और साक्षात्कारों तक विस्तृत किया गया। अपने दस साल इस ब्लॉग ने 2016 में पूरे किए, लेकिन संयोग से कुछ तकनीकी दिक्कत के चलते इसके डोमेन का नवीनीकरण नहीं हो सका। जनपथ को मौजूदा पता दोबारा 2019 में मिला, जिसके बाद कुछ समानधर्मा लेखकों और पत्रकारों के सुझाव से इसे एक वेबसाइट में तब्दील करने की दिशा में प्रयास किया गया। इसके पीछे सोच वही रही जो बरसों पहले ब्लॉग शुरू करते वक्त थी, कि स्वतंत्र रूप से लिखने वालों के लिए अखबारों में स्पेस कम हो रही है। ऐसी सूरत में जनपथ की कोशिश है कि वैचारिक टिप्पणियों, संस्मरणों, विश्लेषणों, अनूदित लेखों और साक्षात्कारों के माध्यम से एक दबावमुक्त सामुदायिक मंच का निर्माण किया जाए जहां किसी के छपने पर, कुछ भी छपने पर, पाबंदी न हो। शर्त बस एक हैः जो भी छपे, वह जन-हित में हो। व्यापक जन-सरोकारों से प्रेरित हो। व्यावसायिक लालसा से मुक्त हो क्योंकि जनपथ विशुद्ध अव्यावसायिक मंच है और कहीं किसी भी रूप में किसी संस्थान के तौर पर पंजीकृत नहीं है।

View all posts by जनपथ →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *