लखनऊ, 10 मई 2020। कांग्रेस पार्टी ने अलीगढ़ में अबू समद नाम के मुस्लिम युवक के साथ हुई भीड़ हिंसा में शामिल अपराधियों पर रासुका लगाने की मांग करते हुए प्रशासन के ढीले-ढाले रवैये पर सवाल उठाया है।
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि 8 मई को समद नाम के युवक पर जिस तरह कोरोना फैलाने के नाम पर भीड़ द्वारा जानलेवा हमला किया गया वो प्रदेश में फेल हो चुके क़ानून व्यवस्था का ताज़ा मिसाल है। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अलीगढ़ पुलिस द्वारा 6 नामजद अभियुक्तों के ख़िलाफ़ 307, 147, 323, 904, 188 के तहत मुक़दमा दर्ज़ होने के बावजूद अभी तक सिर्फ़ 2 आरोपियों को पकड़ना और पीड़ित के पिता लईक उर रहमान से घटना के दो दिन बाद तक भी संपर्क न करना साबित करता है कि पुलिस सत्ता पक्ष के दबाव में काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि पुलिस को पता है कि अगर आरोपियों का फेसबुक प्रोफाइल चेक किया जाए तो वो सब योगी और मोदी के समर्थक निकलेंगे, इसीलिए पुलिस बैकफुट पर है। उन्होंने कहा कि योगी प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं जिनसे प्रेरित हो कर लोग अपराधी बनना चाहते हैं। ये प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि कोरोना का इलाज करने वाले डॉक्टरों और नर्सों को किट, मास्क और तनख्वाह तक उपलब्ध न करा पाने से जनता के बीच बनती अपनी निकम्मे मुख्यमंत्री की छवि से ध्यान हटाने के लिए संघी तत्वों को मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा के लिए उकसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपनी अपरिपक्वता को छुपाने के बजाए मुख्यमंत्री को चाहिए कि वो राहुल गांधी जी का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी और रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के साथ हुई बातचीत को सुनें और उनके द्वारा अर्थव्यवस्था को ठीक करने के सुझाओं पर अमल करें।