टोहाना में सत्तारूढ़ जेजेपी के एमएलए देवेंद्र बबली द्वारा किसानों को अपशब्द कहे जाने और उसका विरोध करने वाले निर्दोष किसान नेताओं की गिरफ्तारी के जवाब में संयुक्त किसान मोर्चा का आंदोलन आज सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। संयुक्त किसान मोर्चा किसानों को बधाई देता है।
- टोहाना आंदोलन की पहली मांग थी कि विधायक देवेंद्र बबली अपने अपशब्दों के लिए खेद व्यक्त करें और अपने सहयोगियों द्वारा लगाए केस को वापस ले। 5 जून को विधायक ने खेद प्रकट किया। संयुक्त किसान मोर्चा की स्थानीय समिति ने इसे स्वीकार कर लिया है। विधायक के सहयोगियों ने हलफनामा देकर यह कह दिया है कि इस केस को रद्द किए जाने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है।
- उस मामले में गिरफ्तार किसान साथी मक्खन सिंह को रिहा कर दिया गया है। इस तरह उस मामले का समाधान हो चुका है।
- आंदोलन की दूसरी मांग पुलिस द्वारा विधायक के घर की तरफ जाते हुए हमारे किसान साथियों के विरुद्ध मुकदमे (FIR 103) और दो गिरफ्तार साथियों की रिहाई के बारे में थी। कल रात दोनों साथियों विकास सीसर और रवि आजाद को रिहा कर दिया गया है।
- प्रशासन और पुलिस के साथ बातचीत के बाद यह तय हुआ है की इस केस (FIR 103) को सरकार की तरफ से वापस ले लिया जाएगा।
- संयुक्त किसान मोर्चा 4 जून को सिंघु बॉर्डर की अपनी बैठक में सत्तारूढ़ दलों के नेताओं और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ चल रहे विरोध कार्यक्रमों के बारे में निम्नलिखित मर्यादा सूत्र तय कर घोषित कर चुका है:
a) विरोध के यह कार्यक्रम केवल सरकारी या राजनैतिक आयोजन तक सीमित रहेंगे। किसी भी प्राइवेट आयोजन (जैसे शादी, तेहरवी, पारिवारिक फंक्शन इत्यादि) में इन नेताओं और जनप्रतिनिधियों का विरोध नहीं किया जाएगा।
b) यह विरोध प्रदर्शन शांति पूर्वक तरीके से काले झंडे दिखाने, नारे लगाने आदि तक सीमित रहेगा। विरोध प्रदर्शन में हिंसा या तोड़ फोड़ के लिए कोई जगह नहीं है। - आंदोलन की सफलता की रोशनी में स्थानीय समिति द्वारा विधायक के खिलाफ पूर्व घोषित सभी कार्यक्रम अब रद्द किए जाते हैं।
समन्वय समिति, संयुक्त किसान मोर्चा
बी एस राजेवाल, दर्शन पाल, हन्नान मौला, जोगिंदर सिंह उग्राहन, जगजीत सिंह दल्लेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, योगेंद्र यादव, युद्धवीर सिंह, शिव कुमार शर्मा “कक्काजी”