अल्पसंख्यक कांग्रेस के ज़िला, शहर और प्रदेश पदाधिकारियों ने चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना से संक्रमित हो कर मरे 1621 शिक्षकों और कर्मचारियों को एक करोड़ मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की माँग उठायी है.
अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि हर ज़िला और शहर कमेटियों और प्रदेश पदाधिकारियों ने योगी सरकार पर चुनाव के दौरान कोरोना से मरे शिक्षकों और कर्मचारियों की वास्तविक संख्या छुपाने का आरोप लगाया. नेताओं ने कहा कि जिस तरह आम कोरोना मृतकों की संख्या योगी सरकार दबा रही है उसी बेशर्मी से चुनावी ड्यूटी के दौरान कोरोना से मरे शिक्षकों और कर्मचारियों की संख्या भी दबायी जा रही है.
इस दौरान इलाहाबाद हाइ कोर्ट के 11 मई के फैसले का हवाला भी दिया गया जिसमें जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और अजीत कुमार की खंडपीठ ने योगी सरकार से प्रत्येक मृतक शिक्षक परिवार को एक करोड़ मुआवजा देने को कहा है.
अल्पसंख्यक कांग्रेस नेताओं ने मुआवजे के लिए कोरोना रिपोर्ट की अनिवार्यता को भी समाप्त करने की मांग करते हुए कहा कि बहुत सारे शिक्षक और कर्मचारी तो जाँच भी नहीं करा पाये क्योंकि रिपोर्ट ही 5 से 6 दिन में आ रही थी. इस दौरान वो इस अस्पताल से उस अस्पताल ऑक्सीजन, बेड और रेमडीसीवर के लिए भटकते हुए मर गए.
शाहनवाज़ आलम ने बताया कि अल्पसंख्यक कांग्रेस मृतक शिक्षकों के न्याय के लिए मुख्यमन्त्री को पोस्ट कार्ड भेजने का अभियान चलाएगी.
द्वारा जारी
शाहनवाज़ आलम
चेयरमैन अल्पसंख्यक विभाग
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी