72वां दिन, 4 फरवरी 2021
सयुंक्त किसान मोर्चा सरकार द्वारा बाधित इंटरनेट सेवाओ के तत्काल बहाल की मांग करता है। असहमति की आवाज़ को दबाने के सरकार के प्रयास लगातार जारी है। आंदोलनकारी किसानों के साथ-साथ मीडिया और स्थानीय लोगों भी बहुत दिक्कत हो रही है। विशेषकर छात्रों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनकी परीक्षाएं नजदीक है। एक तरफ सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती है दूसरी तरफ देश की जनता को इंटरनेट से वंचित रखा जा रहा है।
देश-दुनिया से किसान आंदोलन को लगातार समर्थन मिल रहा है। शर्म की बात है कि सरकार इसे अंदरूनी मामला बताकर दबाना चाहती है। जो लोग किसानों को समर्थन कर रहे है उन्हें ट्रोल किया जा रहा है जो कि निंदनीय है।
यह आंदोलन पूर्णतः किसानों का आंदोलन है व किसानों पर लग रहे सभी बेबुनियाद आरोपो को हम खारिज करते हैं। यह आंदोलन शुरू से ही पूर्ण रूप से अराजनैतिक रहा है व अराजनैतिक रहेगा। किसी भी राजनैतिक दल के नेता को सयुंक्त किसान मोर्चा का मंच नहीं दिया जाएगा। राजनैतिक दलों एवं नेताओ का किसान आंदोलन को समर्थन स्वागतयोग्य है परंतु किसी भी स्थिति में सयुंक्त किसान मोर्चा के मंच पर जगह नहीं दी जाएगी।
आज सयुंक्त किसान मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने 26 जनवरी की पुलिस कार्रवाई में मारे गए उत्तराखंड के किसान नवरीत सिंह की अंतिम अरदास में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
अब तक संकलित जानकारी के अनुसार 125 किसानो पर FIR दर्ज है व 21 किसान लापता है। किसान मोर्चा का कानूनी सहायता केंद्र हर बॉर्डर पर लगाया जा चुका है व इन सभी केसों से संबंधित लगातार कार्रवाई कर रहा है।
डॉ दर्शन पाल
सयुंक्त किसान मोर्चा