नागरीप्रचारिणी सभा में नये चुनाव का रास्ता साफ़, व्योमेश शुक्ल की आपत्ति पर आया ऐतिहासिक फ़ैसला

बीते पचास वर्षों से एक परिवार हिंदी की इस 128 साल पुरानी महान संस्था पर क़ब्ज़ा जमाये बैठा था। इस निर्णय के बाद संस्था को उस शिकंजे से मुक्ति मिल गयी है। इस बीच संस्था में बौद्धिक संपदा और ज़मीन-जायदाद के घपले से जुड़ी ख़बरें समय-समय पर प्रकाश में आती रही हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की भी इस संस्था पर नज़र बनी रही है और पिछले बरस उसने यहाँ हुए चुनावों की जाँच का आदेश स्थानीय न्यायालय को दे रखा था।

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संवैधानिक मूल्यों को लागू करना सरकारों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए: रामनाथ शिवेंद्र

नाहिदा आरिफ ने कहा कि आजादी के आंदोलन और उससे भी सैकड़ों साल पहले से भारत साझी विरासत और मेल जोल की परंपरा को समेटे हुए निर्मित हुआ है जिसे आज कुछ ताकतें खत्म कर देना चाहती हैं। हमें इनसे सावधान रहना होगा।

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एजाज़ अहमद के बौद्धिक अवदान पर एक ढंग की श्रद्धांजलि नहीं लिख सके हम…

एक पँक्ति में एजाज अहमद का परिचय यह है कि वो हमारे समय के अग्रणी मार्क्सवादी विचारकों में एक थे। उनकी किताब ‘इन थियरी…’ को साहित्य के सैद्धान्तिक विमर्शों की एक जरूरी किताब माना जाता है। मार्क्सवादी विचारकों से प्रभावित हम जैसे नौजवानों के लिए एजाज अहमद एक रोलमॉडल की तरह थे।

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महिला दिवस: इलाहाबाद से स्त्री-मुक्ति के चार सक्रिय स्वर

एक एक्टिविस्ट के रूप में मुझे इस बात की खुशी है कि इलाहाबाद में- जो जनवादी कार्यकर्ताओं का मुख्य केन्द्र है- वहां पर ऐसी कई महिला एक्टिविस्ट हैं जिन्होंने सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में अपना एक अलग मुकाम बनाया है। उनके लिए शिक्षा केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता का जरिया न रहकर ज्ञान प्राप्ति और समाज परिवर्तन का भी माध्यम बना।

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शहीद कॉमरेड गोविन्द पानसरे की याद में प्रलेस का आयोजन

कॉमरेड गोविंद पानसरे की स्मृति में प्रगतिशील लेखक संघ की इंदौर इकाई द्वारा आयोजित बैठक में विनीत ने कहा कि यह विडंबना ही है कि कॉमरेड पानसरे को देश में उनकी मृत्यु के बाद ही पहचाना जा सका जबकि महाराष्ट्र में तो उनके जनसंघर्षों और लेखन की वजह से उन्हें सभी जानते हैं।

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उत्तराखण्ड: दलित हत्या और रेप पर रिपोर्ट करने वाले पत्रकार के ऊपर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का केस

किशोर राम के खिलाफ पिथौरागढ़ कोतवाली में आईपीसी की धारा 153 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआईआर में बताया गया है कि यू-ट्यूब और फेसबुक पर प्रसारित किए गए दो वीडियो की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल द्वारा 22 फरवरी को जांच की गई और पाया गया कि ‘जनज्वार न्यूज पोर्टल को चलाने वाले’ पिथौरागढ़ के झूलाघाट निवासी किशोर राम द्वारा जनज्वार न्यूज पोर्टल के माध्यम से लोगों से बाईट लेकर बार-बार उनसे जाति पूछी जा रही है।

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खंडवा: बिना पर्यावरणीय स्वीकृति के बांध बना कर उजाड़ दिए आदिवासी परिवार

केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा खंडवा जिले में बन रही आंवलिया मध्यम सिंचाई परियोजना की पर्यावरणीय मंजूरी की अर्जी का प्रकरण बंद कर इसे उल्लंघन परियोजना घोषित कर दिया है। इसके साथ ही बांध के निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी है। बांध का कार्य बगैर पर्यावरणीय स्वीकृति के 90 प्रतिशत हो चुका है।

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असमानता-अन्याय के खिलाफ दुनिया भर में पुरस्कृत 10 शख्सियतों में भारत से बनारस के डॉक्टर लेनिन

ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज़्म को 2021 ग्लोबल प्लुरलिज़्म अवार्ड के लिए 70 देशों से 500 नामांकन प्राप्त हुए थे। नामांकित व्यक्ति कठोर समीक्षा प्रक्रिया से गुजरते हैं और बहुलवाद से संबंधित अनुशासनों की स्वतंत्र विशेषज्ञों की अंतरराष्ट्रीय जूरी द्वारा चुने जाते हैं।

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पत्रकार उत्पीड़न पर उत्तराखंड निर्वाचन आयोग सहित प्रेस परिषद और एडिटर्स गिल्ड को पत्र

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट रविन्द्र गढ़िया ने इसे मीडिया पर हमला बताते हुए कहा कि अधिग्रहण के लिए कानूनन गाड़ी मालिक को लिखित में नोटिस दिया जाने चाहिए। इस प्रकार की कार्यवाही सरकारी काम की आड़ में गुंडागर्दी है। इसका विरोध करने पर मुकदमा लगाया है रहा है। इस मामले में भी आठ घण्टे तक पत्रकार को बिना किसी एफआईआर के थाने में अवैध हिरासत में रखा गया।

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दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र कैंपस खोले जाने को लेकर कर रहे हैं आक्रोश प्रदर्शन

डीयू कैंपस को पूर्ण रूप से खोले जाने के लिए तमाम प्रगतिशील संगठनों ने वीसी से मांग की जिसमें आइसा, एसएफआई, डीएसयू, कलेक्टिव, वीसीएफ और केवाईएस सहित अन्य प्रगतिशील छात्र संगठन और अलग-अलग कॉलेजों के सामान्य छात्र-छात्राएं शामिल थे।

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