बनारस: मिर्जा गालिब सेंटर में खुला साहित्य क्लब, कलाकार सुरेश नायर का सम्मान


बहुलतावाद के शहर वाराणसी में जनमित्र न्यास एवं मानवाधिकार जन निगरानी समिति के तत्वाधान में बघवानाला स्थित मिर्जा ग़ालिब सेंटर के तहत लिट्रेचर क्लब का उदघाटन इंडो-जर्मन सोसाइटी, रेमसाइड, जर्मनी पूर्व अध्यक्षा हेलमा रिचा के कर कमलों द्वारा किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हेलमा रिचा ने कहा कि भारत में बहुलतावाद के प्रतीक के रूप में बनारस शहर की अपनी विशेष पहचान रही है। इस शहर में मिर्जा ग़ालिब जैसे महान शायर के नाम पर सेंटर होना भी अपने आप में एक बड़ी विशेषता है। उन्‍होंने अनेक किताबें क्लब को दान देते हुए कहा कि हमें बेहद ख़ुशी है कि हमारे सहयोग से इस बहुलतावाद से लबरेज शहर में लिट्रेचर क्लब का उद्घाटन मेरे हाथों से हो रहा है।

उन्‍होंने कहा, ‘’मुझे आशा ही नहीं यह विश्वास भी है कि यह क्लब इस क्षेत्र के युवाओं के विकास के लिए बेहतर परिणाम देगा और यहां के लोग इसका पूरा लाभ उठाएंगे। इसके विकास और बेहतर करने का कार्य मानवाधिकार जन निगरानी समिति जैसी संस्था द्वारा किया जाएगा तो यह बेहतर कार्य करेगा।‘’



कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. लेनिन ने कहा कि इंडो-जर्मन सोसाइटी, रेमसाइड, जैसी संस्था के सहयोग लिट्रेचर क्लब का उद्घाटन किया जा रहा है जो काफी सराहनीय और यहां के लोगों के लिए उत्साहवर्धक है। यह सेंटर इलाके में बहुलतावाद के प्रतीक को स्थापित करते हुए इस इलाके से और भी क्षेत्रों तक इसका प्रभाव फैलाएगा और दूर -दूर तक के लोग इसका लाभ ले सकेंगे।

जनमित्र न्यास की ट्रस्टी श्रुति नागवंशी ने कहा कि इस इलाके के लिए लिट्रेचर क्लब बेहतर होगा। इसे जन उपयोगी बनाने का पूरा प्रयास संस्था के द्वारा किया जाएगा। यह हम लोगों के लिए, ख़ासकर बनारस के लोगों के लिए यह अति हर्ष की बात है कि इंडो-जर्मन सोसाइटी, रेमसाइड, के सहयोग से बनारस के बघवानाला में यह मील का पत्थर साबित होगा।

कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध कलाकार सुरेश के नायर को शान्ति के लिए कला के अद्वितीय प्रयोग के लिए जनमित्र सम्मान प्रदान किया गया।



कार्यक्रम को गणमान्य लोगों ने संबोधित किया। कार्यक्रम में काशी सेंटर फॉर विकसित भारत, मानवाधिकार जननिगरानी समिति, मेहता आर्ट गैलरी, बनारस स्कूल ऑफ फाइन आर्ट, भारतीय जनता सेवा ट्रस्ट एवं जन जागृति ट्रस्ट एवं समिति की डायरेक्‍टर शीरीन शबाना खान, छाया कुमारी, ज्योति कुमारी, आनंद कुमार, मंगला प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद, अरविन्द कुमार, रिंकू पाण्डेय, सुशील चौबे, दीपक पाण्डेय मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के उपरान्त जर्मनी के सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान से सम्मानित हेलमा रिचा ने मानवाधिकार जननिगरानी समिति के कार्यालय, कबीर कारूणिक के स्नूकर क्लब और अमित मेहता व धीरेन्द्र सिसोदिया के साथ मेहता आर्ट गैलरी का भ्रमण किया।


(प्रेस विज्ञप्ति)


About जनपथ

जनपथ हिंदी जगत के शुरुआती ब्लॉगों में है जिसे 2006 में शुरू किया गया था। शुरुआत में निजी ब्लॉग के रूप में इसकी शक्ल थी, जिसे बाद में चुनिंदा लेखों, ख़बरों, संस्मरणों और साक्षात्कारों तक विस्तृत किया गया। अपने दस साल इस ब्लॉग ने 2016 में पूरे किए, लेकिन संयोग से कुछ तकनीकी दिक्कत के चलते इसके डोमेन का नवीनीकरण नहीं हो सका। जनपथ को मौजूदा पता दोबारा 2019 में मिला, जिसके बाद कुछ समानधर्मा लेखकों और पत्रकारों के सुझाव से इसे एक वेबसाइट में तब्दील करने की दिशा में प्रयास किया गया। इसके पीछे सोच वही रही जो बरसों पहले ब्लॉग शुरू करते वक्त थी, कि स्वतंत्र रूप से लिखने वालों के लिए अखबारों में स्पेस कम हो रही है। ऐसी सूरत में जनपथ की कोशिश है कि वैचारिक टिप्पणियों, संस्मरणों, विश्लेषणों, अनूदित लेखों और साक्षात्कारों के माध्यम से एक दबावमुक्त सामुदायिक मंच का निर्माण किया जाए जहां किसी के छपने पर, कुछ भी छपने पर, पाबंदी न हो। शर्त बस एक हैः जो भी छपे, वह जन-हित में हो। व्यापक जन-सरोकारों से प्रेरित हो। व्यावसायिक लालसा से मुक्त हो क्योंकि जनपथ विशुद्ध अव्यावसायिक मंच है और कहीं किसी भी रूप में किसी संस्थान के तौर पर पंजीकृत नहीं है।

View all posts by जनपथ →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *