लखनऊ, 3 जुलाई 2020: 181 आशा ज्योति विमेन हेल्पलाइन में कार्यरत 351 कर्मचारियों के बकाया वेतन और नौकरी से निकालने की नोटिस दिए जाने के संबंध में आज अपर श्रमायुक्त लखनऊ के यहां आयोजित बैठक में अपर श्रमायुक्त ने सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके रिसर्च इंस्टीट्यूट को किसी भी कर्मचारी को कार्य से ना हटाने का निर्देश दिया. अपर श्रमायुक्त ने कंपनी द्वारा बकाया भुगतान के लिए समय मांगे जाने पर एक सप्ताह का उसे समय प्रदान करते हुए अगली वार्ता की तिथि 10 जुलाई निर्धारित की है. वार्ता में सेवा प्रदाता कंपनी के मानव संसाधन के प्रबंधक व श्रमिक पक्ष से यूपी वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर, रुचि राठौर, दीप्ति आदि मौजूद थे.
अपर श्रमायुक्त ने वार्ता की मिनट्स में लिखते हुए सेवा प्रदाता कंपनी को निर्देशित किया कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 6e के तहत दौरान वार्ता कंपनी किसी भी कर्मचारी को उसकी सेवा से पृथक नहीं करेगी इसलिए कंपनी को सेवा से पृथक करने की कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाना चाहिए.
वार्ता के दौरान कंपनी के प्रबंधन ने बकाए वेतन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के महिला कल्याण विभाग से वार्ता कर वेतन भुगतान करने का अनुरोध किया जिसे स्वीकार करते हुए अपर श्रमायुक्त ने उसे 1 सप्ताह का समय प्रदान किया है.
श्रमिक पक्ष से वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा की सेवा प्रदाता कंपनी को बताना चाहिए कि जब महिला कल्याण विभाग ने उसे 181 आशा ज्योति वूमेन हेल्पलाइन को बंद करने का कोई लिखित निर्देश नहीं दिया है तो किस अधिकार के तहत उसने कार्यरत महिला कर्मचारियों को कार्य से पृथक करने की नोटिस दी है. स्वभाव यह नोटिस विधि के विरुद्ध है और मनमर्जीपूर्ण है उन्होंने एचआर हेड को सलाह दी कि वह तत्काल इसे वापस ले लें अन्यथा गैरकानूनी कार्य के कारण उनके विरुद्ध विधिक कार्यवाही करने के लिए भी बाध्य होना पड़ेगा.