क्‍या आपको ख़बर है कि गरीबों के हक़ के लिए चार माह से एक सत्‍याग्रह चल रहा है?


देश भर में गरीबों के हक हुकूक की आवाज़ उठाने के लिए बीते चार महीने से एक रिले सत्‍याग्रह चल रहा है। अफ़सोस इस बात का है कि 5 जून से शुरू हुए इस सत्‍याग्रह में सौ से ज्‍यादा लोग गांधीजी के भारत की वापसी की भावना लिए उपवास पर बैठ चुके हैं लेकिन मीडिया से लेकर दूसरे मंचों पर कहीं कोई चर्चा नहीं है।

5 जून को चंपारण, बिहार से शुरू हुआ सत्‍याग्रह आगामी 2 अक्‍टूबर को खत्‍म होगा। अब तक 101 सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता चौबीस घंटे के उपवास पर बैठ चुके हैं। आज बनारस की सामाजिक कार्यकर्ता श्रुति नागवंशी ने अपना उपवास सुबह तोड़ा। वे 101वीं सत्‍याग्रही थीं।

देश भर में कोरोना लॉकडाउन के दौरान लोगों को जो दिक्‍कतें पैदा हुईं, उससे सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं की ज़मीनी समझदारी में काफी इजाफ़ा हुआ। प्रवासी मजदूरों की व्‍यथा और सरकार द्वारा उपेक्षा को सामने लाने के लिए देश भर के कुछ सामाजिक राजनीतिक संगठनों और व्‍यक्तियों ने मिलकर एक मंच बनाया और उसका नाम रखा गांधियन कलेक्टिव।

इस कलेक्टिव ने प्रवासी मजदूरों की पीड़ा को सामने लाने के लिए 2 अप्रैल, 2020 को अपने अपने घरों में ही देशव्‍यापी उपवास का आयोजन किया।

इसी दौरान कलेक्टिव की ओर से एक प्रस्‍ताव सभी संगठनों और अहिंसावादी कार्यकर्ताओं को भेजा गया कि जिसमें आह्नवान किया गया कि 2 जून से सत्‍याग्रह का कार्यक्रम शुरू किया जाए और 2 अक्‍टूबर तक चलाया जाए।

इस सत्‍याग्रह के मूल में परंपरागत ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को बहाल करना और गरीबों के लिए राजनीति को उन्‍मुख करना था, जैसी गांधीजी की परिकल्‍पना थी। नीचे उस प्रस्‍ताव का नोट पढ़ा जा सकता है।

India Must Return to Gandhiji – Indefinite relay fast/ SatyagrahaProposal for discussionLockdown period provided an…

Posted by Gandhian Collective India on Tuesday, June 2, 2020

इसके बाद गांधियन कलेक्टिव के बैनर तले एक एक कर के सत्‍याग्रहियों ने अपने घर पर चौबीस घंटे का उपवास रखना शुरू किया। आज इस सत्‍याग्रह का 102वां दिन है।

बनारस में इस सत्‍याग्रह का हिस्‍सा रह चुके सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. लेनिन कहते हैं:

उपवास समाप्त

उपवास समाप्तबिहार के चंपारण से 5जून को पर्यावरण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, किसानों और मजदूरों को बचाने के लिए सत्याग्रह के तहत उपवास का आयोजन किया जा रहा है। यह सत्याग्रह महात्मा गांधी जी के जन्मदिन 2 अक्टूबर तक चलेगा।कल सुबह 8 बजे से शुरू अब 8 बजे सुबह आज समाप्त हो रहा है.#gandhinagardiaries #gandhiancollective

Posted by Lenin Raghuvanshi on Tuesday, September 8, 2020

उपवास में एकता परिषद से लेकर तमाम गांधीवादी, समाजवादी, सर्वोदयी संगठनों ने अपने अपने हिस्‍से का योगदान दिया है। एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रनसिंह परमार के समर्थन में सैकड़ोंं कार्यकर्ता मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उड़ीसा, बिहार, झारखंड, असम और मणिपुर में एक दिवसीय उपवास पर बैठे।

परमार ने कहा कि गांधी जी के बीज मंत्र ‘अंतिम व्यक्ति का हित’ लोकतांत्रिक शासकों को हमेशा अनुसरण योग्य मार्ग दिखाता है, किंतु सरकारों द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है। उन्होंंने कहा कि इस सत्याग्रह का आयोजन सरकार के समक्ष मांगों की सूची के साथ नहीं बल्कि अंतिम व्यक्ति के लिए एक नई राजनीति के पक्ष में जनमत और विवेक को बढ़ाने वाला यज्ञ है जो पीड़ित जनता के हित के लिए है।

सत्तारूढ़ और विपक्षी राजनीतिक दलों पर जनता के दबाव द्वारा उन्हें जन-विरोधी और पर्यावरण-विरोधी नीतियों और राजनीति से दूर करना भी इसका मकसद है।


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