स्मृतिशेष: सियासी कुटिलताओं के बीच एक सदाशय ‘योद्धा संत’ के पांच दशक
वह बहुत निश्छल स्वभाव के और विशुद्ध मानवतावादी थे। सबसे ‘बना’ कर रखते थे। नक्सलवादियों से भी मधुर संबंध और वाजपेयी या मुरली मनोहर जोशी या गोपीनाथ मुंडे से भी मधुर संबंध।
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