लोग शांति एवं सौहार्द बनाए रखें, हल्द्वानी मामले की समयबद्ध न्यायिक जांच हो: उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी

उपपा अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड में हजारों धर्मस्थल, घर नजूल भूमि पर बने हैं इनको हटाने के लिए सरकारों को कानून व संविधान की मान्यता का पालन करना चाहिए ताकि सरकार व पुलिस प्रशासन पर जनता का विश्वास कायम रह सके।

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उत्तराखंड: UCC को महिला संगठनों, समूहों और प्रतिनिधियों ने एक स्वर में किया खारिज, पढ़ें बयान

किसी भी कानून का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि कानून के प्रत्येक हितधारक को कानून तक पहुंचने में सक्षम होना चाहिए या होना चाहिए। मौजूदा माहौल में जहां अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है, इससे अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं के लिए किसी भी समान कानून तक पहुंच मुश्किल हो जाएगी, चाहे वह कितना ही प्रगतिशील क्यों न बना हो, (जो इस प्रतिगामी कानून में मामला नहीं है), जबकि इसका मूल उद्देश्य है अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों पर अपनी एक श्रेष्ठता दिखाएं।

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अंकिता भंडारी हत्याकांड: जांच दल की रिपोर्ट आयी, CBI जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में होगी अपील

उत्तराखंड महिला मंच की ओर से कार्यक्रम का संचालन करते हुए मल्लिका विर्दी ने कहा कि अंकिता भंडारी केस में न्याय मिलने जरूरी है क्योंकि एक 18 साल की युवती के सारे जीवन की उम्मीदों पर कुठाराघात करते हुए उसे समाप्त कर दिया गया। सभी की नजर इस केस पर है। इसीलिए हम दिल्ली में आवाज उठाने आए हैं।

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जोशीमठ क्षेत्र में चल रही सभी जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण और विस्फोट पर तत्काल रोक: HC

नंदा देवी बायोस्फेयर में ही पूर्व में 7 फरवरी 2021 को ग्लेशियर के टूटने की घटना हुई थी जिसके बाद पीसी तिवारी द्वारा यह जनहित याचिका माननीय उच्च न्यायालय में योजित की गई, जिसने उनके द्वारा अर्ली वार्निंग सिस्टम, असंतुलित विकास को रोकने संबंधी दिशानिर्देश उच्च न्यायालय से चाहे गए।

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जोशीमठ त्रासदी के लिए कौन जिम्मेदार?

हिमालय युवा है और प्राकृतिक रूप से नाजुक है। इससे चट्टान में दरारें और फ़्रैक्चर बनते हैं जो भविष्य में चौड़े हो सकते हैं और रॉकफॉल/ढलान विफलता (स्लोप फ़ेलियर) क्षेत्र बना सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इंसानी हस्तक्षेप ने इसे और भी बदतर बना दिया है, चाहे वह पनबिजली संयंत्रों का विकास हो, सुरंगों का विकास हो या सड़कों की योजना हो।

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उत्तराखण्ड: दलित हत्या और रेप पर रिपोर्ट करने वाले पत्रकार के ऊपर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का केस

किशोर राम के खिलाफ पिथौरागढ़ कोतवाली में आईपीसी की धारा 153 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआईआर में बताया गया है कि यू-ट्यूब और फेसबुक पर प्रसारित किए गए दो वीडियो की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल द्वारा 22 फरवरी को जांच की गई और पाया गया कि ‘जनज्वार न्यूज पोर्टल को चलाने वाले’ पिथौरागढ़ के झूलाघाट निवासी किशोर राम द्वारा जनज्वार न्यूज पोर्टल के माध्यम से लोगों से बाईट लेकर बार-बार उनसे जाति पूछी जा रही है।

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पत्रकार उत्पीड़न पर उत्तराखंड निर्वाचन आयोग सहित प्रेस परिषद और एडिटर्स गिल्ड को पत्र

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट रविन्द्र गढ़िया ने इसे मीडिया पर हमला बताते हुए कहा कि अधिग्रहण के लिए कानूनन गाड़ी मालिक को लिखित में नोटिस दिया जाने चाहिए। इस प्रकार की कार्यवाही सरकारी काम की आड़ में गुंडागर्दी है। इसका विरोध करने पर मुकदमा लगाया है रहा है। इस मामले में भी आठ घण्टे तक पत्रकार को बिना किसी एफआईआर के थाने में अवैध हिरासत में रखा गया।

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उत्तराखंड: CM के चुनाव क्षेत्र में रिपोर्टिंग करने जा रहे पत्रकार पर अधिकारी ने किया मुकदमा

देर शाम जब अजय प्रकाश से फोन पर बात हुई उसे वक्‍त उन्‍हें पिछले सात घंटे से पुलभट्टा थाने में बैठा कर रखा गया था। बताया जा रहा है कि जिले के एआरटीओ (एनफोर्समेन्‍ट) बी.के. सिंह से उनकी झड़प हुई थी, जिसके बाद अधिकारी ने उनके खिलाफ आइपीसी की धारा 353 में पुलभट्टा थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है।

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पंचतत्व: वनों का प्रबंधन स्थानीय समुदायों के हाथ में देने से कौन रोक रहा है?

उत्तराखंड की खासियत है कि हर वन पंचायत स्थानीय जंगल के उपयोग, प्रबंधन और सुरक्षा के लिए अपने नियम खुद बनाती है. ये नियम वनरक्षकों के चयन से लेकर बकाएदारों को दंडित करने तक हैं. सरमोली के विर्दी गांव में, जंगल की सुरक्षा के पंचायती कानून के तहत जुर्माना 50 रुपये से 1,000 रुपये तक है.

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लगातार धधक रही है उत्तराखंड के जंगलों में आग, चपेट में 11 जिले, वायुसेना काम पर

नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, हरिद्वार और रुद्रप्रयाग जिले ज्यादा प्रभावित हुए हैं। आग बेकाबू होती गई है, जिससे ग्रामीण दहशत में हैं और कई वन्य जीवों का जीवन संकट में है।

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