विश्व-गुरु बनने के दावों के बीच उच्च शिक्षा संस्थानों का सैन्यकरण

राजनीतिक संस्थाओं ने संसद में मूल्यों के क्षरण पर तो कोई नियम या कानून नहीं बनाया, लेकिन उसने मान लिया कि शिक्षण संस्थानों में ही मूल्यों और संस्कारों की कमी हो गयी है।

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