दक्षिणावर्त: दूसरी लहर में किसके पास इतना नैतिक बल बचा है जो किसी को कुछ कहे?
चार महीनों में क्यों नहीं पत्रकारों ने बिहार के आइसोलेशन-सेंटर्स की फॉलोअप स्टोरी की? एकाध इंडियन एक्सप्रेस ने की, फिर सब खत्म! उस अवधि में दवाओं, अस्पतालों की तैयारी पर फॉलोअप स्टोरी क्यों नहीं हुई?
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