बात बोलेगी: डर के आगे नहीं, डर में ही जीत है!

टाटा ने इस विज्ञापन को दिखाने और हटाने की अल्पावधि के अभ्यास से मौजूदा सत्ता के लिए एक बहुत ठोस सर्वे का काम किया है। देश में सहिष्णुता मापने का सबसे प्रामाणिक मापक यंत्र फिलवक्त हिन्दू-मुस्लिम एकता ही है। इसे बेहद मुलायमियत भरे लहजे में दिखाइए और असर का आकलन कीजिए।

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