चेन्नई: पहले बनाया कोरोना योद्धा, फिर छीन ली नौकरी! 700 सफाईकर्मियों ने दी आत्मदाह की चेतावनी
चेन्नई कॉरपोरेशन द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन को निजी हाथों में सौंपने के कुछ महीने बाद यह कदम उठाया गया.
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चेन्नई कॉरपोरेशन द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन को निजी हाथों में सौंपने के कुछ महीने बाद यह कदम उठाया गया.
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इनमें से कई कर्मचारियों को लॉकडाउन की सैलरी या तो दी ही नहीं गई है या आधी-अधूरी सैलरी सुपरवाइज़र द्वारा “बाई हैन्ड” दी गई है, जिसका कोई आधिकारिक रिकार्ड नहीं है| सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान सभी स्थाई और कान्ट्रैक्ट कर्मचारियों को पूरी सैलरी देने के सख्त आदेश के बावजूद यह सब हो रहा है|
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सफाई कर्मचारियों की जिन मांगों को माना गया है उनमें तीनो कैंपस (कश्मीरी गेट, लोधी रोड, कर्मपुरा) के सफाई कर्मियों को रोटेशन के आधार (आधी संख्या) पर बुलाये जाने, काम का समय 12 बजे तक किये जाने, उन्हें मास्क, ग्लव्स, सैनीटाइजर व फेस कवर दिये जाने की मांगें मुख्य रूप से शामिल थीं
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लॉकडाउन के चलते सफाई के कुछ जरुरी कामों जैसे मोहल्ले की सफाई का काम, अस्पताल की सफाई का काम अनिवार्य रूप से जारी रखा गया है, लेकिन सफाई कर्मचारी तो विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं और चूँकि विश्वविद्यालय बंद है, ऐसे में उनका कार्य अनिवार्य कार्य की श्रेणी के बाहर का कार्य है।
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