किसान संसद में प्रतिष्ठित नागरिकों-विशेषज्ञों को “सदन के अतिथि” के रूप में आमंत्रित किया जायेगा!
आज किसान संसद में पराली जलाने के मुद्दे और सरकार द्वारा किसी न किसी बहाने किसानों को अपराधी बनाने के प्रयासों पर चर्चा की गई। कोविड लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक तरीके से एक आयोग की स्थापना करके दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण को कम करने/प्रबंधित करने के नाम पर एक अध्यादेश लायी थी। अध्यादेश को फिर से प्रख्यापित किया गया और हाल ही में एक विधेयक के रूप में लोकसभा में पेश किया गया। किसान संसद ने संज्ञान लिया और इस तथ्य पर स्पष्ट रूप से प्रकाश डाला कि सरकार 30 दिसंबर 2020 को किसान प्रतिनिधियों से की गई प्रतिबद्धता से मुकर गई है। जबकि नए विधेयक में, दंड प्रावधान (धारा 14) में एक अपवाद जोड़ी गई है कि किसानों को एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने और पांच साल की जेल की सजा के प्रावधान से छूट दी जाएगी; “पर्यावरण मुआवजा” के नाम पर धारा 15 के रूप में किसानों पर एक नया दंड प्रावधान शामिल किया गया है।
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