बात बोलेगी: ‘नये भारत’ के नागरिकों के लिए क्यों न एक भयदोहन कोष बनाया जाए!
ज़रूरी तो नहीं कि मंदिर के लिए वसूले गये चंदे से मंदिर से सम्बन्धित काम ही हो। जैसे पीएम केयर्स से भी ज़रूरी तो नहीं हुआ कि केवल कोविड संबंधी काम ही हुए। कोष एक, काम अनेक। फिर मंदिर के लिए माहौल बनाये रखना भी ज़रूरी है।
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