कासगंज: NIA कोर्ट के फैसले में NGO/CSO पर टिप्पणी और PUCL की प्रतिक्रिया

पैराग्राफ 185-188 में की गई टिप्पणियां कानूनी सहायता दिलवाने, तथ्यान्वेषी दौरों और आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने के मानवाधिकार संगठनों के काम को अवैध ठहराने का प्रयास करतो हैं। उपरोक्त सभी महत्वपूर्ण संवैधानिक उपकरण हैं जिनका उपयोग स्वतंत्र संगठन सही तथ्यों की जांच करने, जवाबदेही तय करने और सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों के लिए सहायता सुनिश्चित करने के लिए करते आए हैं। संगठनों पर आक्षेप लगाकर माननीय न्यायालय राज्य के खिलाफ काम करने वाले “राष्ट्र-विरोधी” हितों के निराधार आख्यान का सहारा ले रहा है।

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मनीष आजाद की दोबारा गिरफ्तारी जांच एजेंसियों द्वारा कानून का दुरुपयोग: PUCL UP

पीयूसीएल ये मांग करता है कि ऐसे गलत ढंग से गिरफ्तार करने और कानून के दुरुपयोग पर माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्वतः संज्ञान ले और जांच एजेंसियों पर ज़रूरी अंकुश लगाए और साथ ही कुछ कड़े दिशानिर्देश जारी करे जिससे इस प्रकार से मानवाधिकारों का हनन ना हो।

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शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 10 महीने से जारी गतिरोध खत्म किया जाए, PM से अपील

एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के नेता, 73 वर्षीय जगजीत सिंह दल्लेवाल के आमरण अनशन के प्रति पूरी तरह से उपेक्षा और संवेदनहीन रवैया अपनाया गया है, जो कि डॉक्टरों के अनुसार बहुत गंभीर है और अगर उपवास वापस नहीं लिया गया तो कार्डियक अरेस्ट और मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर का बहुत अधिक खतरा है। फिर भी सरकार के किसी भी प्रतिनिधि को जगजीत सिंह दल्लेवाल या सीमाओं पर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों के समूह से बातचीत करने या सुनने के लिए नहीं भेजा गया है।

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एनकाउंटर राज लोकतंत्र के लिए खतरा है: PUCL, UP

उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार के कार्यकाल में एक हज़ार से अधिक एनकाउंटर के मामलों में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और इस पर अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था, उसके बावजूद इस तरह की घटनाओं का रुकने की बजाय बढ़ते जाना बेहद चिंता की बात है। यह कानून के राज को खत्म करने की खुली घोषणा है।

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नागरिक स्‍वतंत्रता पर लॉकडाउन: COVID-19 के दौर में समाचार मीडिया पर PUCL की रिपोर्ट

लॉकडाउन के दौर में समाचार मीडिया की स्थिति पर अपनी 36 पन्‍ने की रिपोर्ट में पीयूसीएल ने पत्रकारों की छंटनी, वेतन कटौती से लेकर उनके ऊपर हुए मुकदमों का एक संक्षिप्‍त खाका प्रस्‍तुत किया है।

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नागरिक स्‍वतंत्रता पर लॉकडाउन: महाराष्‍ट्र की जेलों के बंदियों पर PUCL की विस्‍तृत रिपोर्ट

पुल्‍स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़़ (पीयूसीएल) महाराष्‍ट्र ने लॉकडाउन का प्रभाव आंकने के लिए विभिन्‍न क्षेत्रों पर रिपोर्ट निकालने का निर्णय किया। इस श्रृंखला में पहली रिपोर्ट महाराष्‍ट्र की जेलों में बंद कैदियों के हालात पर केंद्रित है।

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