प्रेस की आज़ादी का सवाल अब पत्रकार बिरादरी की चौहद्दी के भीतर हल नहीं हो सकता

मीडिया, सत्ताधारी दल और सरकार के इस फ्यूज़न का परिणाम यह है कि प्रेस की स्वतंत्रता के संकट का समाधान अब प्रेस बिरादरी के आंतरिक उपचारों, उपायों और नियामकों द्वारा नहीं हो सकता। प्रेस की आजादी अब सम्पूर्ण परिवर्तन द्वारा ही संभव है। यह सत्ता परिवर्तन ही नहीं होगा बल्कि इलेक्टोरल ऑटोक्रेसी को डेमोक्रेसी की ओर ले जाने वाला विचारधारात्मक परिवर्तन होगा।

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प्रेस स्वतंत्रता दिवसः उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर बढ़ते हमलों और धमकियों पर CPJ की विस्तृत रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश की यात्रा के दौरान, पत्रकारों ने सीपीजे को बताया कि उनके ऊपर आपराधिक आरोपों के लगने और शारीरिक हमले होने का खतरा बढ़ गया है।

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प्रेस स्वतंत्रता दिवसः नौ महीने से लॉकडाउन कश्मीर के आईने में अभिव्यक्ति की आज़ादी का भयावह सच

हाल ही में जारी 180 देशों के विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2020 में भारत 142वें स्थान पर पहुँच गया है, जबकि बीते वर्ष भारत इस सूचकांक में 140वें स्थान पर था।

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