“हम, भारत के (खारिज) लोग” : चावकी फ्रेण की कला और जनतंत्र पर पूंजी के ग्रहण की छवियां

चावकी फ्रेण की प्रदर्शनी “We the (Discarded) People” हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम वास्तव में उस समाज की ओर बढ़ रहे हैं, जिसका सपना हमारे संविधान में देखा गया था। जब तक हम इन सवालों का सामना नहीं करते और उनके समाधान की दिशा में कार्य नहीं करते, तब तक समाज में वास्तविक बदलाव संभव नहीं है।

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हिन्दू पुनर्जागरण से अधूरे नवजागरण तक भारतीय चित्रकला के राजनीतिक सफर की कहानी

भारतीय चित्रकला का सच’ एक ऐसी पुस्तक है जो समाजशास्त्रीय नजरिये से लिखी गयी है और जिसमें एकेडमिक्स के लटकों झटकों से दूर एक ऐसे कलाकार की दृष्टि का परिचय मिलता है जो भारत जैसे वर्ग विभाजित समाज में उत्पीड़ित बहुमत के साथ खड़ा है।

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