हिन्दू पुनर्जागरण से अधूरे नवजागरण तक भारतीय चित्रकला के राजनीतिक सफर की कहानी
भारतीय चित्रकला का सच’ एक ऐसी पुस्तक है जो समाजशास्त्रीय नजरिये से लिखी गयी है और जिसमें एकेडमिक्स के लटकों झटकों से दूर एक ऐसे कलाकार की दृष्टि का परिचय मिलता है जो भारत जैसे वर्ग विभाजित समाज में उत्पीड़ित बहुमत के साथ खड़ा है।
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