राष्ट्र, राष्ट्रीयता और राष्ट्रवाद: जड़ों की तलाश और अनैतिहासिक दृष्टि का खतरा
तब भिन्नता के कारण नफरत का नहीं, स्नेह का संबंध बनता था। आज के आधुनिक भारत राष्ट्र की राष्ट्रीयता और उसका राष्ट्रवाद यदि अतीत की इस समावेशी प्रवृत्ति का वरण करते हैं, तो यह हमारी गौरवशाली परम्परा का सबसे बड़ा सम्मान होगा।
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