‘साझा कम्युनिकेशन’ के जरिये FRA को कमजोर करने की कोशिश, नोडल एजेंसी पर MOTA की बहाली की मांग

किसान सभा नेताओं ने कहा कि वनाधिकार कानून बनने के बाद भी वन मंत्रालय वनों पर अपने आधिपत्य को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। यही कारण है कि उसने वन अधिनियम में आदिवासी विरोधी संशोधनों को प्रस्तावित किया था।

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