छान घोंट के: चितरंजन सिंह का अर्थ है मानवाधिकार में सबसे आखिरी व्यक्ति के साथ खड़े होना
इस संवाद के अंत में उन्होंने दो बातें कहीं थीं. एक, अंतिम आदमी के लिए लड़ने वाले लोगों के अधिकार के लिए लड़ना और उसे किसी भी हालत में अकेला नहीं छोड़ना ही आन्दोलन की मज़बूत बुनियाद को कायम करेगा. दूसरी बात यह थी कि अपनों को मुसीबत में छोड़ना आन्दोलन के साथ गद्दारी है.
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