जल संकट: खेत सूख रहे हैं और लोग आर्सेनिक का पानी पी रहे हैं!

राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और कुछ दक्षिण के राज्य तो पहले भी पानी की समस्या से जूझ रहे थे लेकिन अब बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश भी पानी के संकट से जूझने वाले राज्यों में शामिल हो चुके हैं। यूं तो कहने के लिए इन राज्यों में गंगा और नर्मदा जैसी नदियां बह रही हैं पर इनके किनारे पर ही संकट ज्यादा है।

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पंचतत्व: आप बिजली से पानी पीजिए, बिजली आपका पानी पिएगी!

सीएसई ने कुल कोयला आधारित बिजली उत्पादन क्षमता के 154 गीगावाट से अधिक का सर्वेक्षण किया है और पाया कि मीठे पानी पर आधारित लगभग 50 प्रतिशत संयंत्र अनुपालन नहीं कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर प्लांट सरकारी कंपनियों के हैं।

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पंचतत्व: अब भी दस साल का वक्त है, संभल जाइए वरना जीते जी प्यासा मरना पड़ सकता है!

भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन, ये चार देश मिलकर दुनिया के सालाना भूमिगत जल का आधे से अधिक हिस्सा हड़प लेते हैं. इसलिए इन देशों में नदी बेसिनों में जलभंडार का रिचार्ज होना बेहद अहम है क्योंकि खेती, क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था और विकास की तकरीबन सारी गतिविधियों के लिए पानी अपरिहार्य है.

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पंचतत्व: कानून एक तरफ, लेकिन हरित क्रांति का बोया धान पंजाब-हरियाणा को बहुत महंगा पड़ा है!

भूजल स्तर में गिरावट की मौजूदा दर जारी रही तो पूरे पंजाब का पूरा उप-सतही जल दो दशकों में खाली हो जाएगा. सचाई यह है हमने कुओं और तालाबों की बजाय ट्यूबवेल पर भरोसा करना शुरू कर दिया.

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जलवायु परिवर्तन हिमालय के भूगर्भीय जलस्तर को घटा रहा है: शोध

हाल में प्रकाशित अध्‍ययन में ग्‍लेशियरों के पिघलने की वजह से क्षेत्र की जल व्‍यवस्‍था पर पड़ने वाले प्रभावों और निहितार्थ को समझने की कोशिश की गयी है। खासकर नदी बेसिन तथा हिमालय क्षेत्र पर निर्भरता वाले भूजल पर। इस रिपोर्ट में एचकेएच क्षेत्र में ग्‍लेशियरों के पिघलने और भूगर्भीय तथा सतही जल में होने वाले बदलावों के बीच सम्‍बन्‍धों की पड़ताल की गयी है।

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