दक्षिणावर्त: क़त्ल पर जिन को एतराज़ न था, दफ़्न होने को क्यूं नहीं तैयार…

दरक चुके अपने समाज की आलोचना हम कब करेंगे? अपने सामाजिक-सांस्‍कृतिक दायित्व का बोध हमारे भीतर कब होगा और हम संविधान में वर्णित अधिकारों को रटने के साथ सामाजिक ‘कर्त्तव्यों’ को भी कब जानेंगे?

Read More

गंगा में बहते शवों को नोचती मछलियों और कुत्तों ने बजाया निषादों के लिए खतरे का अलार्म!

लाशों के मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। उन शहरों में खौफ और हड़कंप ज्यादा है जहां से होकर गंगा गुजरती है। अधिसंख्य लाशें कोरोना संक्रमितों की हैं जिन्हें लाचारी के चलते नदियों में बहा दिया गया था, अब इन्‍हें नदी के अंदर मांसाहारी मछलियां और किनारे पर आवारा कुत्ते नोच खा रहे हैं। इससे नदी किनारे रहने वाले और उसी से अपनी आजीविका चलाने वाले समुदायों पर स्‍वास्‍थ्‍य का गंभीर खतरा पैदा हो गया है।

Read More