परंपरा के नाम पर डिजिटल नफरत के नये ठिकाने

ट्रैड्स सवर्ण हिंदुओं के वर्चस्व की हिमायत करते हैं। इनके अनुसार सवर्ण हिन्दू शुद्ध रक्त वाली श्रेष्ठतम नस्ल हैं। यह अल्पसंख्यकों एवं दलितों को गंदे कॉकरोच एवं दीमक के रूप में कार्टूनों के माध्यम से चित्रित करते हैं। सवर्ण वर्चस्व को त्यागकर जाति भेद मिटाते हुए हिन्दू धर्मावलंबियों की एकता का विचार इन्हें पूर्णतः अस्वीकार्य है।

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दक्षिणावर्त: एक चुनाव मैनेजर और कुछ एलीट पत्रकारों के नक्कारखाने से रिसते दुख

यह बात समझने की है कि एपल का एचआर मैनेजर कभी भी स्टीव जॉब्स नहीं बन सकता है, उसी तरह सोशल मीडिया या चुनाव-प्रबंधन करनेवाला व्यक्ति कभी भी नेता की जगह नहीं ले सकता है और अगर नेता में, उसके कैंपेन में दम नहीं है तो कितना भी अच्छा मैनेजर हो, वह कुछ नहीं बिगाड़ या बना सकता है।

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