दक्षिणावर्त: जेपी के चेलों से पुष्पम प्रिया चौधरी तक बिहार की यंग और डार्क कॉमेडी

एक बूढ़ा निजाम को हिलाता है और उसके फल से तीन ज़हरीले फल पैदा कर जाता है। आज जब बिहार अपने सवाल तलाश रहा है, तो उसके पास एक भ्रष्टाचारी बाप के पूत, एक एनजीओवादी महिला और एक देशद्रोह के आरोपित के अलावा कोई युवा विकल्प तक नहीं है।

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बिहार के मुख्यमंत्री को COVID-19 से उपजी परिस्थिति में बाल अधिकार संरक्षण के लिए ज्ञापन

राइट टू एजुकेशन फोरम (आरटीई फोरम) की बिहार इकाई ने गणमान्य एवं प्रमुख नागरिकों के साथ मिलकर एक पत्र के माध्यम से कोविड–19 महामारी से उपजी परिस्थितियों में बच्चों के अधिकारों के संरक्षण की ओर राज्य …

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