आर्टिकल 19: नेता ने ऐंकर को पत्रकारिता का पाठ पढ़ाया, क्या मालिक को कुछ समझ में भी आया?

कितने शर्म की बात है कि एक नेता को आजतक इंडिया टुडे जैसे देश के विशाल मीडिया घराने के मालिकों और मुलाजिमों को पत्रकारिता का ट्यूशन देना पड़ रहा है। जब ममता बनर्जी राहुल कंवल की बखिया उधेड़े हुए थीं तो आजतक इंडिया टुडे ग्रुप के बुजुर्ग मालिक अरुण पुरी कसमसा रहे थे। लेकिन वो करते भी क्या?

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नेताजी की तस्वीर के बारे में गलत प्रचार पर राष्ट्रपति भवन नाराज़, प्रेस सचिव ने लिखा अरुण पुरी को पत्र

पत्र में 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राजदीप सरदेसाई द्वारा फैलाए गए झूठ का जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर उनका पोट्रेट का अनावरण किया था. जिसके बाद सरदेसाई समेत कई पत्रकारों ने दावा किया कि वह सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर नहीं है. उनके अनुसार ये पोट्रेट प्रसनजीत चटर्जी की है, जिन्होंने बोस पर बनी फिल्म में उनका किरदार अदा किया था.

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आर्टिकल 19: आजतक नहीं, रिपब्लिक! जब खालिस दुर्गंध यहां मिले तो कोई वो क्‍यूं ले, ये न ले…

आजतक की ये दुर्गति इसलिए हुई है कि अरुण पुरी ने अर्णब गोस्वामी बनने में पूरी ताकत झोंक दी। उसके पास न अपनी रिपोर्टें थीं, न अपना कोई पत्रकारीय विमर्श और न ही कोई स्वतंत्र सोच। आजतक बस ईवेंट जर्नलिज्म कर सकता था।

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