जर्मनी में नाज़ी शासन और आइंस्टीन: कुज़नेत्सोव की पुस्तक से एक प्रसंग

वैज्ञानिकों की सूची में आइंस्टीन शीर्ष स्थान पर थे और उन्हें पता था कि किसी भी समय बगल के देश जर्मनी का कोई नाजी एजेंट मुसीबत बनकर आ सकता है और यह भी उन्हें पता था कि जर्मनी में रहने वाले उनके घनिष्ठ मित्र भी उनके प्रति चिंतित रहते हैं।

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पेनरोज़ को मिला नोबल वाया आइन्स्टाइन और हॉकिंग: रवि सिन्हा का व्याख्यान

इस व्याख्यान में आइन्स्टाइन से पेनरोज़ और हॉकिंग तक की वह कहानी कही जायेगी जिसमें अन्य महारथियों का वर्णन भी होगा

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अलबर्ट आइंस्टीन हम सब के क्यों हैं?

हिंदी में अलबर्ट आइंस्टीन और उनके काम पर लिखी गयी दुर्लभ पुस्तकों में एक, जो इसी साल छपकर आयी है, उसका नाम हैः “सबके आइंस्टीन”।

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