बनारस के हज़ारों बुनकरों ने 1 सितंबर को शुरू किया अपना आंदोलन सरकार से समझौते के बाद वापस ले लिया है। उत्तर प्रदेश की सरकार ने उनकी प्रमुख मांगें मान ली हैं जिसके मुताबिक 31 जुलाई तक बिजली का बिल फ्लैट दरों पर वसूला जाएगा, बिल में आयी गड़बडि़यों को दुरुस्त किया जाएगा और किसी का कनेक्शन नहीं काटा जाएगा। उसके बाद 1 अगस्त से नयी प्रणाली को लागू किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश बुनकर महासभा और बिरादराना तंजीम ने 1 सितंबर से अनिश्चितकालीन मुर्रीबंद किया था। इसके बाद धरनास्थल पर ही बुनकरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एमएसएमई मंत्रालय के अधिकारी से मुलाकात कर बात की जिसके बाद अस्थायी रूप से आंदोलन समाप्त करने की घोषणा कर दी गयी।
इस समझौते की वर्कर्स फ्रंट से जुड़ी उत्तर प्रदेश बुनकर वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष इकबाल अहमद अंसारी ने आलोचना करते हुए कहा है कि यह समझौता सरकार की ‘’एक जिला एक उद्योग’’ योजना की भावना के विरुद्ध है। उनके मुताबिक सरकार को बुनकरों के सभी बिजली बिल व कर्जे माफ करने, सस्ती बिजली की पासबुक व्यवस्था को बहाल करने और उनके उत्पाद की सरकारी खरीद व देशी-विदेशी बाजारों में बेचने की व्यवस्था की घोषणा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जुलाई तक सब्सिडी वाली बिजली के अनुसार बिजली बिल देना जरूर एक हद तक बुनकरों को राहत पहुंचाता है लेकिन 1 अगस्त से कमर्शियल रेट की जो बिजली बुनकरों को मिलेगी वह पूर्वांचल समेत पूरे प्रदेश में बुनकारी उद्योग को तबाह कर देगी।