- नये साल में एआईकेएससीसी लोगों को लामबंद कर किसान आंदोलन के पक्ष में शपथ लेने का आयोजन करेगी
- पटना व तंजावुर में 29 को और हैदराबाद तथा इम्फाल में 30 को किसानों के समर्थन में एआईकेएससीसी की बड़ी रैलियां
- दूरदराज के प्रान्तों में समर्थन बढ़ा, दिल्ली के विरोध में लगातार ताकत बढ़ी
हजारों स्थानों पर किसानों, मजदूरों व आम लोगों ने गोलबंद होकर प्रधानमंत्री द्वारा ‘मन की बात’ के प्रसारण के दौरान थालियां पीट कर उनका विरोध किया और कहा कि वे किसानों की मांगों के प्रति संवेदनहीन हैं और किसानों के खिलाफ काम कर रहे हैं। सरकार की नीतियों के कारण ग्रामीण युवाओं में हताशा और मोहभंग की स्थिति पैदा हो रही है।
एआईकेएससीसी का मानना है कि वर्तमान आंदोलन ने युवाओं के बीच कुछ उम्मीद जगाई है। जहां इस आंदोलन की मांग रही है कि सरकार ग्रामांचल में खुद निवेश करे और खेती की सुविधाएं तथा मदद दे, सरकार अपने धन में से 1 लाख करोड़ रुपये गांव में कारपोरेट व विदेशी कम्पनियों के निवेश पर खर्च करने जा रही है। यह खुद की बरबादी का रास्ता है। आत्मनिर्भरता का नहीं।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने नये साल में किसानों के संघर्ष के पक्ष में शपथ लेने के कार्यक्रम आयोजित कर संघर्ष तेज करने की योजना बनाई है। यह हर जिले व गांव में दोपहर 12 से 4 के बीच आयोजित होंगे। शपथ में किसानों की मांगों का समर्थन, 3 कानून व बिजली बिल वापसी की अपील होगी। साथ में अम्बानी व अडानी की सेवाओं तथा सामान का बहिष्कार करने की भी अपील होगी।
एआईकेएससीसी के नेतृत्व में 29 दिसम्बर को पटना तथा तंजावुर में और 30 को हैदराबाद तथा इम्फाल में दिल्ली में किसानों के आंदोलन के पक्ष में बड़ी रैलियों का आयोजन होने जा रहा है।
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आशुतोष
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