बात बोलेगी: मेरे तक आवाज़ आ रही है? आप लोग रोना बंद कीजिए…

यह बजट पीछे से चली आ रही परंपरा से अलग है। पहले तो यह बात मन में बैठा लेनी चाहिए। अगर यह बारीक लेकिन बुनियादी बात आप भूल गए तो इसका एसेंस नहीं पकड़ पाइएगा और फिर वही दो कौड़ी की चिंताओं में परेशान रहिएगा।

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पंचतत्व: 5G की तकनीक पीछे जाने का पुल खत्म कर देगी!

वैज्ञानिक अध्ययनों में साबित किया जा चुका है कि मानव निर्मित ईएमएफ के कारण जीवों पर प्रतिकूल जैविक प्रभाव पड़ते हैं। पिछले दशकों में तैनात वायरलेस तकनीकों ने हमारे पर्यावरण में ईएमएफ के स्तर को लगातार बढ़ाया है।

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संक्रमण काल: साहित्य का नया रास्ता

वर्चुअल दुनिया से संबंधित इन कविताओं और अक्कड़-बक्कड़ जैसे पॉडकास्टों व साहित्य और तकनीक के सम्मिश्रण के लिए जारी अनेकानेक कोशिशों से गुजरते हुए आशा बनती है कि पुराने मिजाज का हिंदी साहित्य भी देर-सबेर साहित्य के नए रास्तों को स्वीकार करेगा।

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पंचतत्वः तुझको मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं!

वास्को डि गामा के हिंदुस्तान की धरती पर पैर रखने के महज 30 साल के भीतर पश्चिमी तट मिर्ची उगाया जाने लगा था और बाद में इस मिर्च को गोवाई मिर्ची कहा गया।
गोवा से वह दक्षिण भारत में फैल गया।

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बात बोलेगी: फिर आया लोकतंत्र के कर्मकांड का मौसम…

पहले जब राज्यों में चुनाव हुआ करते थे तो राज्य सरकारों की ही शक्तियां चुनाव आयोग को हस्तांतरित हुआ करती थीं। इधर कुछ वर्षों में, विशेष रूप से जब से भारतीय जनता पार्टी मौज में आयी है, तब से चुनाव भले ही घाना या नाइजर या टोगो में हों लेकिन सबसे पहले स्थगित होती है केंद्र की सरकार।

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पंचतत्व: ज्यों ‘ताड़’ माहिं ‘तेल’ है!

असली चिंता यह नहीं है कि इस कृषि वानिकी की लागत क्या होगी। असली चिंता वह लागत है जो पारिस्थितिकी के नुकसान से पैदा होगी। सुमात्रा, बोर्नियो और मलय प्रायद्वीप मिसालें हैं जहां वैश्विक पाम ऑयल का 90 फीसद उत्पादित किया जाता है। इन जगहों पर इसकी व्यावसायिक खेती के लिए बड़े पैमाने पर जंगल काटे गए और स्थानीय जल संसाधनों पर इसका भारी बोझ पड़ा क्योंकि ताड़ तेल की खेती के लिए पानी की काफी जरूरत होती है।

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बात बोलेगी: फिर इस मज़ाक को जम्हूरियत का नाम दिया…

जनता अब जम्हूरियत की चाभी नहीं, उसकी चेरी है। और हम जनता की तरफ से जनता के लिए जनता द्वारा चुनी गयी इस भूमिका को जम्हूरियत बतलाते हुए इसे इसके पुराने वैभव में लौटाने के लिए इसे बचाने पर आमादा हैं।

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तन मन जन: अपने अन्दर के इन्सान को जगाइए, आपकी इम्यूनिटी भी मजबूत हो जाएगी!

। ध्यान रहे, महामारी भी कमजोर इम्यूनिटी वाले को ही निशाना बनाती है और कट्टरता तथा जाहिलपना भी बुद्धि-विवेक हीन व्यक्तियों को ही प्रभावित करती है। अपने अन्दर के इन्सान को जगाइए, आपकी इम्यूनिटी भी मजबूत हो जाएगी। महामारी और जाहि‍लपने दोनों से मुक्ति चाहिए। इसी उम्मीद और उत्साह के साथ आप सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं।

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बात बोलेगी: क्योंकि आवाज़ भी एक जगह है…

बीता साल कुछ ऐसा बीता जिसके बारे में सब कहते हुए पाये जाते हैं कि इसे बीत ही जाना चाहिए। लोगों को 2021 का कैलेंडर बेरहमी से फेंकते हुए देखा है क्योंकि इस गुजरे हुए साल ने कुछ भी ऐसा नहीं दिया जिसे सँजो कर रखा जाय।

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बात बोलेगी: ‘प्रथम दृष्ट्या’ की कानूनी पुष्टि के इंतज़ार में…

एसआइटी (विशेष जांच दल) ने अब जाकर बताया है कि यह सब पूर्वनियोजित था- ठंडे दिमाग से रची गयी एक साजिश का अंजाम था। इस दल ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की कथित लिंचिंग पर कुछ नहीं कहा क्योंकि जो कुठ भी हुआ वो इस घटना के बाद हुआ जो कि पूर्वनियोजित नहीं था।

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