Benares Grapevine-1: सांस्कृतिक मार्च और फ्लैग मार्च के बीच
अभिषेक श्रीवास्तव कल रात शहर में पुलिस का फ्लैग मार्च हुआ। रात साढ़े दस बजे के करीब जब हमने दुर्गाकुंड से लंका की ओर जाते हुए नीली-पीली बत्तियों वाली सायरन …
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अभिषेक श्रीवास्तव कल रात शहर में पुलिस का फ्लैग मार्च हुआ। रात साढ़े दस बजे के करीब जब हमने दुर्गाकुंड से लंका की ओर जाते हुए नीली-पीली बत्तियों वाली सायरन …
Read Moreअभिषेक श्रीवास्तव मैं बनारस में क्यों हूं, मुझे नहीं पता। मैं नहीं होता तो भी यह चुनाव ऐसे ही चलता, ऐसा ही दिखता जैसा दिख रहा है। मैंने कोशिश की …
Read Moreअभिषेक श्रीवास्तव जिस देश में हवा रात भर में बदलती है, हमारे पास फिर भी एक महीना है। हम लोग, जो कि वास्तव में फासीवाद को लेकर चिंतित हैं, जो …
Read Moreआनन्दस्वरूप वर्मा 16वीं लोकसभा के लिए चुनाव की सरगर्मी अपने चरम पर है और 7 अप्रैल से मतदान की शुरुआत भी हो चुकी है। इस बार का चुनाव इस दृष्टि …
Read MoreAs India heads towards another general election soon we, the undersigned, would like to warn the people of India about the rising danger of bigotry, communal divide, organised violence on …
Read Moreअभिषेक श्रीवास्तव बनारस से लौटकर बनारस में ज्ञान की खोज कबीर की देह पर गुरु रामानंद के पैर पड़ जाने जैसी कोई परिघटना होती है। यहां सायास कुछ भी नहीं …
Read Moreअर्जुन प्रसाद सिंह ‘अंग्रेजों की जड़े हिल चुकी हैं। वे 15 सालों में चले जायेंगे, समझौता हो जायेगा, पर इससे जनता को कोई लाभ नहीं होगा। काफी साल अफरा-तफरी में …
Read Moreकाशीनाथ सिंह मैं पूरी गंभीरता से एक सवाल या कहें खुला प्रस्ताव आप सब के सामने रख रहा हूं: ”क्या लेखक काशीनाथ सिंह को बनारस से नरेंद्र मोदी के खिलाफ़ …
Read Moreअभिषेक रंजन सिंह जनता को सब्ज़बाग़ दिखाने में माहिर आम आदमी पार्टी अब गांधीवादियों को भी बरग़लाने लगी है. हाथ में तिरंगा, सिर पर गांधी टोपी और मुंह से राजनीतिक …
Read Moreये 18 अप्रैल सन 2013 की तपती दोपहर है और मैं नांदेड़ से चली उस ट्रेन के स्लीपर डिब्बे में बैठा हूं जिसकी पहली से लेकर आखिरी बोगी तक चौड़े …
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