सुलगती ईंटों का धुआँ: माता जुगरी देवी गाँव के लोग कथा सम्मान प्राप्त दलित चेतना की कहानी


गाँव के लोग सोशल एंड एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा संचालित माता जुगरी देवी स्मृति गाँव के लोग कथा सम्मान मुज्जफरपुर की वरिष्ठ कथाकार पूनम सिंह को उनकी कहानी “सुलगती ईंटों का धुआँ” के लिए देने की घोषणा की गई है। यह सम्मान वरिष्ठ दलित कथाकार और हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा गौरव से सम्मानित रतनकुमार सांभरिया की माताजी की स्मृति में स्थापित किया गया है जिसमें विगत दस वर्षों के दौरान छपी श्रेष्ठ कहानी को सम्मानित किया जाता है।

इस सम्मान हेतु अक्टूबर 2019 में कहानियों की प्रविष्टियां आमंत्रित की गई थीं, जिनमें पूरे देश से 32 कहानियां प्राप्त हुई थीं। द्विस्तरीय चयन प्रक्रिया के तहत अंतिम तीन कहानियों का चयन किया गया जिनमें से पूनम सिंह की कहानी “सुलगती ईंटों का धुआँ” का चयन हुआ। कहानी की चयन समिति के सदस्य वरिष्ठ दलित-चिंतक प्रो. किशोरी लाल रैगर ने अपनी संस्तुति में लिखा है कि “सुलगती ईंटों का धुआँ” दलित चेतना की सशक्त कहानी है जिसमें कहानीकार ने जातिवाद व सामंती सोच के विरुद्ध मिन्ती जैसे जीवट पात्र की रचना की है। वह शोषित वंचित समाज में चेतना जागृत कर उन्हें राजनीतिक चेतना की और उन्मुख करती है।

पुरस्कृत कथाकार पूनम सिंह

गाँव के लोग सम्मान समिति के अध्यक्ष, दलित चिंतक एवं ग़ज़लकार बीआर विप्लवी ने कहानी के चयन पर अपनी राय ज़ाहिर करते हुए अपनी राय दी कि पारम्परिक रूप से घोषित दलित-वंचित समुदाय के अगुवा, जो सत्तालोलुपता के कारण डॉ. अम्बेडकर के सपनों को भूलकर एक बड़े समुदाय को यथास्थिति में छोड़े दे रहा है, से निजात पाने के नुस्खे तलाश करते हुए विवेकसम्मत स्वाभिमान को जागृत करती है। साथ ही उन्होंने रेखांकित किया कि कहानी का चयन उन आदर्शों पर खरा उतरता है जिनके लिए परिनिर्वृत्त जुगरी देवी ने अपने जीवनकाल में संघर्ष करते हुए आने वाली पीढ़ियों को शिक्षा की नई सीढ़ियों तक पहुँचाकर नई सामाजिक ऊंचाइयां प्रदान की।

कहानी पर ‘’गाँव के लोग’’ सम्मान समिति की संयोजक और महासचिव अपर्णा ने कहानीकार को बधाई देते हुए कहा कि कहानी की स्त्री पात्र का दलित वंचित समुदाय में बदलाव के लिए कदम उठाना बहुत ही साहस का काम है और इस बदलाव की शुरुआत मिन्ती अपने घर से करती है। कहानी का कथ्य और शिल्प बहुत ही गठा हुआ है। पूरी कहानी में जो रवानी आई है उससे पाठक की जिज्ञासा बढ़ती ही जाती है कि आगे पात्रों के साथ क्या होगा।

इस सम्मान में आगामी आयोजित कार्यक्रम में 10000 नकद राशि के साथ प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जायेगा। कोविड-19 के चलते सम्मान की घोषणा में थोड़ा विलम्ब हुआ। जल्द ही सम्मान समारोह के कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी! नीचे पढ़ें पुरस्कृत कहानी।

अपर्णा
संयोजक/महासचिव
गाँव के लोग सम्मान समिति, वाराणसी

सुलगती ईंटों का धुआँ

SULAGATI-ETO-ka-DHUWA


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