
दक्षिणावर्त: विश्वास के संकट से घिरा दर्शक और किसान आंदोलन का रंगमंच
जिस वक्त हमें सामाजिक क्रांति की जरूरत सबसे अधिक है, उस वक्त हम राजनीतिक छद्म में व्यस्त हैं। मूल्य या वैल्यू-सिस्टम को दुरुस्त करने की दरकार मौजूदा वक्त में सबसे अधिक है, तो हम चौबीसों घंटे सोप-ऑपेरा देखते हुए जीवन को भी वही बना चुके हैं।
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