जिंदगी क्या है सफर की बात: एक उद्यमी के चश्मे से समाज की छवियां
लेखक ने समाज की विसंगतियों और इसमें छुपे हुए दमनकारी तत्वों को उसके राजनीतिक निहितार्थों को सामने लाने के लिए पूरी पुस्तक में टिप्पणियों के सहारे काम किया है। महिलाओं के मामले में जिन टिप्पणियों का सहारा लिया गया है वह निहायत ही प्रतिक्रियावादी सोच को सामने लेकर आती हैं। यह इस पुस्तक का सबसे कमजोर पक्ष है।
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