गृहिणियों को पगार देने का चुनावी वादा और सार्वजनिक दायरे में बराबरी के अवसर का सवाल
चुनावी वादे कितने पूरे होते हैं यह तो हम सभी जानते हैं इसलिए इस पर बात ना करें तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इन घोषणाओं तथा समझदारियों से हम स्त्री के मुद्दे पर समझ के बारे में चर्चा जरूर कर सकते हैं।
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