कोरोना की आड़ में मीडिया को ‘पत्रकारों’ से सैनिटाइज़ करने की साज़िश है इस दौर की छंटनी!

कोरोना महामारी के चढ़ते ग्राफ़ के बीच पत्रकारों की नौकरी जिस गति से जा रही है, वह दिन दूर नहीं जब कोरोना से संक्रमित होने वाले नागरिकों की संख्‍या को …

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पहला पत्रकार कोरोना का शिकार, बाकी की गृहस्थी तबाह कर रहे अख़बार और सरकार

पंकज कुलश्रेष्ठ की मौत कोरोना से होने वाली देश में पहले पत्रकार की मौत है। कोरोना महामारी के चक्कर में जिस तरीके से दूसरी बीमारियों और पुराने रोगों की उपेक्षा की जा रही है, उसके चलते मौतें ज्यादा हो रही हैं।

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Corona Diaries: चौदह दिन का घरवास

  03.04.2020 इंसान के मनोभावों में भय सबसे आदिम प्रवृत्ति है। इसी भय ने हमें गढ़ा है। सदियों के विकासक्रम में इकलौता भय ही है, जो अब तक बना हुआ …

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पुर्जा-पुर्जा कट मरे, कबहूं न छाड़े खेत!

ज़मीन हड़प अध्‍यादेश के खिलाफ संसद मार्ग पर विशाल रैली, 24 फरवरी 2015  करीब तीन हफ्ते पहले की बात है जब दिल्‍ली की चुनावी सरगर्मी के बीच एक स्‍टोरी के …

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जलते हुए जलगांव के बीच विलास सोनवणे को दिल्‍ली में सुनना

सांप्रदायिकता से कैसे लड़ें, इस पर उन्‍होंने कहा कि ये लड़ाई लंबी है। वे बोले कि कम्‍युनिस्‍ट आरएसएस के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। उन्‍होंने हमें एजेंडा दे दिया है और हम धरने पर बैठे हैं। यह नहीं होना चाहिए।

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कलकत्ता: जहां डॉन भी बेजुबान है…

दिल्‍ली या मुंबई में कोई भी काट-छांट कलकत्‍ता को पैदा नहीं कर सकती। ठीक वैसे ही कलकत्‍ते में कुछ भी जोड़ने-घटाने से दिल्‍ली या मुंबई की आशंका दूर-दूर तक नज़र नहीं आती।

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