एक तरफ मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पत्रकार मृणाल पांडे, राजदीप सरदेसाई, जफ़र आगा, विनोद जोस, अनंतनाथ और परेश नाथ पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में दर्ज देशद्रोह और अन्य मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी, वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक के कार्यालय और उसके संपादकों के आवास पर छापेमारी की.
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान आईटीओ के पास दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर उत्तराखंड के एक किसान की कथित तौर पर ट्रैक्टर पलटने से मौत की भ्रामक खबर फ़ैलाने और आपत्तिजनक सामग्री सोशल मीडिया पर प्रसारण के खिलाफ शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे सहित कई पत्रकारों पर नोएडा के सेक्टर 20 के थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. इन सभी पर दिल्ली में किसान आंदोलन में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है.
थरूर, राजदीप, National Herald के संपादकों, The Caravan के संपादक और मालिक पर नोएडा में FIR
इन सभी लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर इन मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी. जिस पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
वहीं मंगलवार सुबह न्यूज़ वेबसाइट न्यूज़क्लिक के दफ्तर, उसके अधिकारी और पत्रकारों के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है. खबरों के मुताबिक, जिन लोगों के यहां छापेमारी की गई उनमें पोर्टल के मालिक प्रबीर पुरकायस्थ और संपादक प्रांजल शामिल हैं.
ईडी का कहना है कि न्यूज़क्लिक पर छापेमारी कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी हुई है और एजेंसी संगठन को विदेशों की संदिग्ध कंपनियों से धन मिलने की जांच कर रही है. कई पत्रकारों ने इसे मोदी सरकार द्वारा मीडिया पर अंकुश लगाने की कार्रवाई कहा है.
पत्रकार श्रीधर ने लिखा, ‘दिल्ली में न्यूजक्लिक के दफ्तर, मालिक प्रबीर पुरकायस्थ और संपादक प्रांजल के घरों पर छापेमारी के साथ मोदी सरकार का मीडिया पर हमला जारी है.’
गौरतलब है कि हाल ही में सिंघु बॉर्डर से किसान आंदोलन को कवर करते हुए दिल्ली पुलिस ने स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया और ऑनलाइन न्यूज़ इंडिया के पत्रकार धर्मेन्द्र सिंह को उठा लिया था. धर्मेन्द्र को कुछ घंटों के बाद छोड़ दिया गया था जबकि मनदीप पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था. जहां तीन दिन गुजारने के बाद उन्हें जमानत पर रिहा किया गया है.