किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय के राष्ट्रीय संयोजक मंडल के सदस्य, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के वर्किंग ग्रुप के सदस्य एवं पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने बताया कि आज देशभर में तीनों कृषि कानूनो को रद्द करने, सभी कृषि उत्पादों की लागत से डेढ़ गुना दाम पर सरकारी खरीद की कानूनी गारंटी देने,आंदोलनकारी किसानों पर लादे गए फर्जी मुकदमे वापस लेने तथा आंदोलनकारी किसानों पर पुलिस दमन बंद करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान सँघर्ष समन्वय समिति-संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर आज देशभर में 12 बजे से 3 बजे तक चक्काजाम शांतिपूर्ण सम्पन्न हुआ।
डॉ सुनीलम ने कहा कि-
किसानों ने चक्का जाम के माध्यम से यह साबित कर दिया है कि 73 दिन से चल रहा आंदोलन राष्ट्रीय आंदोलन होने के साथ-साथ शांतिपूर्ण ढंग से चलाया जाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा और लंबा आंदोलन है तथा सरकार द्वारा दिल्ली के आसपास सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, शाहजहांपूर बॉर्डर, पलवल बॉर्डर पर कील लगाकर, 12 लेयर की बैरिकेडिंग कर, कटीले तार लगाकर किसान आंदोलन को नहीं रोका जा सकता। किसान आंदोलन ने यह भी साबित किया है कि वह कील तंत्र में तब्दील लोकतंत्र जिसमें 125 किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं तथा एनआईए के नोटिस भेजे जाने के बावजूद किसान अहिंसक तरीके से सरकार से मुकाबला करने को तैयार है।
डॉ सुनीलम ने उम्मीद जाहिर की है कि प्रधानमंत्री संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई बहस का जवाब देते हुए तीनों कानूनों को रद्द करने की घोषणा करेंगे तथा आंदोलनकारी किसानों के साथ किए गए दुर्व्यवहार एवं पुलिस दमन के लिए किसानों से माफी मांगेंगे।
मध्यप्रदेश में किसान समिति के साथियों ने विभिन्न जिलों में अखिल भारतीय किसान सँघर्ष समन्वय समिति- संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले चक्काजाम किया।
भागवत परिहार
कार्यालय सचिव
किसान सँघर्ष समिति
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