बीते 23 जनवरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125 वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा नेताजी की तस्वीर के अनावरण के बारे में भ्रामक और गलत ट्वीट और खबर प्रसार करने के खिलाफ राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार सिंह ने इंडिया टुडे ग्रुप के प्रमुख और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी को कड़ा पत्र लिखा है.
अरुण पुरी को लिखे गए पत्र में कहा गया है:
“खेद की बात यह है कि आपके ग्रुप के पत्रकार तथ्यों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की जहमत नहीं उठाते हैं. जैसे कि इस खबर के लिए वह नेताजी के परिवार के सदस्यों (उदाहरण के लिए सीके बोस से, जिन्होंने ट्विटर पर स्पष्ट किया था कि तस्वीर नेताजी की ही है) या फिर खुद एक्टर से पुष्टि कर सकते थे, जिन्होंने भी ट्विटर पर यही बात लिखी थी. उन्होंने फैक्ट चेक करने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं की और राजनीतिक लाभ लेने के लिए राष्ट्रपति के खिलाफ बेतुके आरोप लगाने लगे.”
पत्र में 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राजदीप सरदेसाई द्वारा फैलाए गए झूठ का जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर उनका पोट्रेट का अनावरण किया था. जिसके बाद सरदेसाई समेत कई पत्रकारों ने दावा किया कि वह सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर नहीं है. उनके अनुसार ये पोट्रेट प्रसनजीत चटर्जी की है, जिन्होंने बोस पर बनी फिल्म में उनका किरदार अदा किया था.
राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार सिंह की ओर से राष्ट्रपति भवन में लिखे गए पत्र में कहा गया कि इंडिया टुडे समूह से जुड़े कुछ पत्रकारों द्वारा विवाद में राष्ट्रपति भवन को घसीटने के पीछे की मंशा स्पष्ट नहीं है.