थरूर, राजदीप, National Herald के संपादकों, The Caravan के संपादक और मालिक पर नोएडा में FIR


नोएडा के सेक्‍टर-20 थाने में कांग्रेस के नेता शशि थरूर सहित कई पत्रकारों पर 26 जनवरी की दिल्‍ली हिंसा के मामले में मुकदमा कायम किया गया है। इन सभी पर दिल्ली में किसान आंदोलन में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है।

राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, ज़फ़र आगा, परेश नाथ, अनंत नाथ, विनोद जोस के ऊपर आपत्तिजनक कंटेंट शेयर करने का आरोप लगाते हुए मुक़दमा दर्ज किया गया है। राजदीप सरदेसाई व अन्य के खिलाफ हुई एफआईआर में आपत्तिजनक व भ्रामक खबर फैलाने का आरोप लगाया गया है।

एफआइआर कहती है कि दिनांक 26 जनवरी 2021 को दिल्ली में हुई हिंसा से आहत होकर श्री अर्पित मिश्रा, निवासी नोएडा के द्वारा थाना सेक्टर 20, पुलिस कमिश्नरेट, नोएडा पर एक अभियोग संख्या 76/21 धारा 153a, 153b, 295a, 298, 504, 506, 505,124a, 34,120बी भादवि व 66 आईटी एक्ट पंजीकृत कराया गया है। वादी द्वारा यह भी आरोप लगाया गया हैं कि इन लोगों के द्वारा जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण तरीके से जनता को गुमराह करने वाली, जातीय व सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाली तथा उकसाने वाले कार्य व खबरें प्रसारित की गयी हैं।


About जनपथ

जनपथ हिंदी जगत के शुरुआती ब्लॉगों में है जिसे 2006 में शुरू किया गया था। शुरुआत में निजी ब्लॉग के रूप में इसकी शक्ल थी, जिसे बाद में चुनिंदा लेखों, ख़बरों, संस्मरणों और साक्षात्कारों तक विस्तृत किया गया। अपने दस साल इस ब्लॉग ने 2016 में पूरे किए, लेकिन संयोग से कुछ तकनीकी दिक्कत के चलते इसके डोमेन का नवीनीकरण नहीं हो सका। जनपथ को मौजूदा पता दोबारा 2019 में मिला, जिसके बाद कुछ समानधर्मा लेखकों और पत्रकारों के सुझाव से इसे एक वेबसाइट में तब्दील करने की दिशा में प्रयास किया गया। इसके पीछे सोच वही रही जो बरसों पहले ब्लॉग शुरू करते वक्त थी, कि स्वतंत्र रूप से लिखने वालों के लिए अखबारों में स्पेस कम हो रही है। ऐसी सूरत में जनपथ की कोशिश है कि वैचारिक टिप्पणियों, संस्मरणों, विश्लेषणों, अनूदित लेखों और साक्षात्कारों के माध्यम से एक दबावमुक्त सामुदायिक मंच का निर्माण किया जाए जहां किसी के छपने पर, कुछ भी छपने पर, पाबंदी न हो। शर्त बस एक हैः जो भी छपे, वह जन-हित में हो। व्यापक जन-सरोकारों से प्रेरित हो। व्यावसायिक लालसा से मुक्त हो क्योंकि जनपथ विशुद्ध अव्यावसायिक मंच है और कहीं किसी भी रूप में किसी संस्थान के तौर पर पंजीकृत नहीं है।

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