दुनिया के सबसे मजबूत लोकतंत्र कहे जाने वाले देश अमेरिका में बुधवार शाम ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आह्वान पर उनके हजारों समर्थक वॉशिंगटन स्थित अमेरिकी कांग्रेस और सीनेट के मुख्यालय कैपिटल हिल के भीतर घुस गये।
कैपिटल हिल में जो बिडेन को मिले वोटों के प्रमाणन की प्रक्रिया सदन की संयुक्त बैठक में कुछ घंटे पहले शुरू हुई थी और उस वक्त ब्रेक चल रहा था, जब रंग-बिरंगी वेशभूषा में झंडे लहराते हजारों समर्थकों ने कैपिटल हिल पर हमला बोल दिया।
उससे पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘’सेव अमेरिका मार्च’’ में एक भाषण दिया था। ज्यादातर अमेरिकी मीडिया ने रिपोर्ट किया है कि ट्रम्प ने इस भाषण में अपनी हार को झुठलाते हुए अपने समर्थकों को ललकारा था, जिसके बाद वॉशिंगटन में अराजकता की स्थिति फैल गयी।
उसके बाद मीडिया में भारी आलोचना होने पर ट्रम्प ने एक ट्वीट कर के समर्थकों से कैपिटल पुलिस और कानून अनुपालक एजेंसियों का समर्थन करने को कहा।
सीबीएस नेटवर्क के एंकर ने इस स्थिति पर विंस्टन चर्चिल को उद्धृत करते हुए एक अहम टिप्पणी की, ‘’रिपब्लिकन छह हफ्ते से डोनाल्ड ट्रम्प के मुंह में अपना सिर डाले हुए थे। यह स्थिति आनी ही थी।‘’
खबरों के मुताबिक ट्रम्प के समर्थकों ने सीनेट चैम्बर में हथियार लहराये और कैपिटल हिल की पुलिस पर आंसू गैस भी छोड़ा। इसके बाद प्रमाणन की प्रक्रिया रुक गयी। सीनेट और हाउस चैम्बर्स को लॉक कर दिया गया।
इस बीच ट्रम्प के बेटे डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर ने हुड़दंगियों को रोकने थामने की कोशिश की और ट्वीट किया, ‘’ये गलत है और हम ये नहीं हैं।‘’
इसके बावजूद ट्रम्प खुद अपने ट्वीट में अपने समर्थकों को भड़काते रहे जब उन्होंने माइक पेन्स के बारे में लिखा:
अमेरिका में जो कुछ चल रहा है, उसे इन ट्वीट्स से देखें और समझें। फिलहाल वाशिंगटन डीसी में बुधवार शाम बजे से अगले 24 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया गया है।