कांग्रेस का सवाल: SC की टिप्पणी के बाद UP के CM क्या डॉ. कफ़ील के परिवार से माफी मांगेंगे?


डॉक्टर कफील खान की रिहाई के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए डॉ. कफील खान को बड़ी राहत दी है। काँग्रेस ने योगी आदित्यनाथ से कहा है कि वे कफील और उनके परिवार से माफी मांगें। 

यूपी सरकार ने डॉक्टर कफील खान के ऊपर से एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून हटाए जाने और रिहा करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद डॉक्टर कफील खान ने ट्वीट किया-

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट की टिप्पणी आपराधिक मामलों को प्रभावित नहीं करेगी। अब डॉक्टर कफील खान के खिलाफ दर्ज मामले का निपटारा मेरिट के आधार पर ही होगा।

मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा – ‘ऐसा लगता है कि उच्च न्यायालय द्वारा एक अच्छा आदेश दिया गया है। हम उच्च न्यायालय के आदेश के साथ हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं देखते हैं।’

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1 सितंबर को डॉ. कफील को तुरंत रिहा करने के आदेश दिया था। कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा था कि एनएसए के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेना और हिरासत की अवधि को बढ़ाना गैर-कानूनी है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने इस फैसले को मुख्यमंत्री योगी की सुप्रीम बेइज़्ज़ती करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे का यह कह कर याचिका खारिज करना कि इलाहाबाद ‘हाई कोर्ट ने अच्छा फैसला सुनाया था, उसमें हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता’ कुंठित व्यक्तित्व वाले मुख्यमंत्री की सुप्रीम बेइज़्ज़ती है।

शाहनवाज़ ने कहा, “यह उनके कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाता है कि हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बावजूद तथ्यों को तोड़मरोड़ कर अदालत को गुमराह करने वाले अलीगढ़ के तत्कालीन डीएम को अब तक उन्होंने निलंबित क्यों नहीं किया।”

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद अगर मुख्यमंत्री जी में थोड़ी भी लाज शर्म बची हो तो उन्हें डॉ. कफ़ील खान और उनके पूरे परिवार से माफ़ी मांग लेनी चाहिए।


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