लखनऊ, 29 जून। डीजल-पेट्रोल मूल्यवृद्धि के खिलाफ वाम दलों ने सोमवार को राज्यव्यापी प्रदर्शन किया। भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) समेत वाम दलों ने संयुक्त धरना देकर और मार्च निकाल कर जिला प्रशासन को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मुख्य रूप से डीजल-पेट्रोल की मूल्यवृद्धि वापस लेने, इनके मूल्य निर्धारण का अधिकार तेल कंपनियों से वापस लेकर पुरानी प्रणाली बहाल करने, प्राकृतिक और राष्ट्रीय संसाधनों का निजीकरण रोकने और पेट्रो उत्पादों पर करों में फौरन कटौती कर जनता को राहत देने की मांग की।
राजधानी लखनऊ में वाम दलों के नेता व कार्यकर्ता आज विरोध मार्च निकालने से पहले भाकपा के कैसरबाग स्थित कार्यालय परिसर में एकत्र हुए और संयुक्त धरना दिया। यहां हुई सभा में नेताओं ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है, ऐसे समय में देश में इनकी कीमतों में रोजाना बढ़ोतरी कर मोदी सरकार जनता की गाढ़ी कमाई को लूट रही है। कोविड महामारी और महंगाई से परेशान जनता पर सरकार और भी महंगाई का बोझ लगातार बढ़ा रही है। सारे मोर्चों पर विफल मोदी सरकार की नीतियां देश को तबाही की ओर ले जा रही हैं।
वक्ताओं ने राजग सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। सभा के बाद वाम दलों व जनसंगठनों के कार्यकर्ताओं ने झंडे-बैनर के साथ सरकार-विरोधी नारे लगाते हुए जिलाधिकारी कार्यालय जाने के लिए मार्च शुरू कर दिया। कुछ दूर जाने पर पुलिस ने जुलूस को रोका और एसीपी ने आकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन लिया। मार्च और धरने में भाकपा (माले) के रमेश सेंगर, एक्टू के चंद्रभान गुप्ता, इंकलाबी नौजवान सभा के राजीव, भाकपा के फूलचंद यादव, महिला फेडरेशन की आशा मिश्रा, इप्टा के राकेश, माकपा के छोटेलाल, एडवा की मधु गर्ग, सीटू के पीएन राय और फारवर्ड ब्लॉक के एसपी विश्वास ने प्रमुख रूप से भाग लिया।
लखनऊ के अलावा, प्रयागराज, वाराणसी, आजमगढ़, आगरा, अयोध्या, जालौन, लखीमपुर खीरी, गाजीपुर, चंदौली, मऊ, देवरिया, रायबरेली, सीतापुर, कासगंज, बहराइच आदि जिलों में वाम दलों ने प्रदर्शन किया।
इस बीच, भाकपा माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने अखिल भारतीय किसान महासभा सहित जनसंगठनों के राष्ट्रीय आह्वान के तहत बीते 27 जून को डीजल-पेट्रोल मूल्यवृद्धि के विरोध में सीतापुर में पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला फूंकने पर माले जिला सचिव अर्जुन लाल सहित सात कार्यकर्ताओं के खिलाफ हरगांव थाने की पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज करने को योगी सरकार की दमनकारी कार्रवाई बताते हुए कड़ी निंदा की है।
राज्य सचिव ने बयान जारी कर कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन लोकतांत्रिक अधिकार है और पुलिस उत्पीड़न से सरकार की जनविरोधी कार्रवाइयों का विरोध रुकेगा नहीं, बल्कि तेज होगा। उन्होंने दर्ज मुकदमे फौरन वापस लेने की मांग की।
अरुण कुमार
राज्य कार्यालय सचिव